दुनियाभर में 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे मनाया जाता है। योग को अपने लाइफ स्टाइल में शामिल करके हम निरोग रह सकते हैं। इस बार योग दिवस का थीम “स्वयं और समाज के लिए योग” है। ये साल खास इसलिए भी है, क्योंकि ये योग दिवस की 10वीं वर्षगाठ है।

क्यों मनाया जाता है योग दिवस?

“स्वयं और समाज के लिए योग” की थीम के साथ इस साल दुनियाभर में इंटरनेशनल योगा डे मनाया जाने वाला है। ये थीम सिर्फ व्यक्तिगत कल्याण के बारे में नहीं है। यह आंतरिक आत्म और बाहरी दुनिया के बीच संबंध को बढ़ावा देता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान साल 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में संबोधन के दौरान योग दिवस का विचार प्रस्तावित किया था।

11 दिसंबर को सुयंक्त राष्ट्र के सभी देशों ने एक साथ सहमति देते हुए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद 21 जून 2015 से हर साल योग दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा।

भारत का दुनिया को तोहफा है योग

भारत और योग का रिश्ता पिछले दस साल से नहीं, बल्कि हजारों साल पुराना है। बताया जाता है कि देश में लोग 5000 साल से योग कर रहे है। सिर्फ शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए नहीं बल्कि मानसिक तौर पर शांति और अध्यात्म के लिए योग किया जाता है। जोकि प्राचीनकाल से ही भारतीय करते आ रहे हैं।

माना जाता है कि सप्त‌ऋषियों में से एक अगस्त ऋषि ने ही पूरे भारतीय उपमहाद्वीप का दौरा करके, यौगिक तरीके से जीवन जीने की संस्कृति को गढ़ा था। योग सबसे पहले भारत में ही शुरू हुआ। इसके बाद यह दुनिया के अन्य देशों में लोकप्रिय हुआ। जब-जब योग की बात की जाती है, तब-तब पतंजलि का नाम सबसे पहले लिया जाता है। कहा जाता है कि पतंजलि ही पहले और एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने योग को आस्था, अंधविश्वास और धर्म से बाहर निकालकर एक सुव्यवस्थित रूप दिया था।

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