महाराष्ट्र में मुंबई तट के समीप समुद्र में बुधवार को नौसेना की स्पीड बोट की एक निजी बोट से टकरा गई थी। जिससे 13 लोगों समुद्र में डूबकर मौत हो गई। जिसमें नौसेना का एक कर्मचारी और नौसेना के जहाज में सवार ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) के दो लोग शामिल हैं। जबकि 101 लोगों को बचा भी लिया गया। हादसे में बचे लोगों ने बताया कि उनके पास लाइफ जैकेट नहीं थी। वहीं, नौसेना के नाव चालक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

यात्रियों को एलिफेंटा जा रही थी निजी नौका
नौसेना के मुताबिक,  पोत इंजन परीक्षण के लिए जा रहा था।  तभी शाम चार बजे नियंत्रण खो दिया और करंजा के पास नीलकमल नौका से टकरा गया। नीलकमल नौका यात्रियों को गेटवे ऑफ इंडिया से समुद्र के बीच बने ‘एलीफेंटा’ द्वीप पर लेकर जा रही थी।दरअसल, हादसे में बचाए गए नौका पर सवार यात्रियों ने खुलासा किया कि उन्हें लाइफ जैकेट नहीं दी गई थी। साकीनाका निवासी नाथाराम चौधरी की शिकायत पर नौसेना की स्पीडबोट के चालक के खिलाफ केस दर्ज किया है।

नाव पर नहीं थी लाइफ जैकेट
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के गौतम गुप्ता ने बताया कि उन्होंने हादसे में अपनी चाची को एलीफेंटा द्वीप जाते समय दुर्घटना में खो दिया। उन्होंने बताया कि नाव पर किसी के पास लाइफ जैकेट नहीं थी। टक्कर के बाद हमने कई लोगों को पानी से बाहर निकाला और नाव पर चढ़ाया। करीब 20 से 25 मिनट बाद नौसेना ने हमें बचाया, लेकिन तब तक चाची को खो चुके थे। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भी मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये के मुआवजे की एलान किया है।

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