लोकसभा में आज एक देश-एक चुनाव का संशोधन बिल पेश केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया। भाजपा ने कहा कि इस विधेयक से देश का विकास तेजी से होगा। क्योंकि बार-बार चुनाव होने से व्यवस्था बिगड़ती है। BJP ने इसके चलते अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था। वहीं, विपक्ष ने वन नेशन, वन इलेक्शन जबरदस्त विरोध किया है। कांग्रेस ने कहा कि ये संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है। इससे अव्यवस्था फैलेगी।

ये दल कर रहे विरोध और समर्थन
वन नेशन-वन इलेक्शन के विरोध में कांग्रेस, सपा, टीएमसी, आरजेडी, पीडीपी, शिवसेना उद्धव गुट और जेएमएम हैं। जबकि एनडीए के सहयोगी दलों के अलावा बसपा ने भी एक देश-एक चुनाव बिल का समर्थन किया है। भाजपा, जेडीयू, टीडीपी, वाईएआर कांग्रेस और बसपा ने समर्थन किया है। वहीं, एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि ये बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। यह किसी पार्टी या किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं ब्लकि देश के लिए है। इस विधेयक पर देश कांग्रेस को नकारात्मक खेल खेलते हुए देखने को मिलेगा।

वोट देने अधिकार पर हमला
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने वन नेशन, वन इलेक्शन विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह लोगों के वोट देने के अधिकार पर हमला है। चुनाव आयोग को इस विधेयक में बहुत ज्यादा अधिकार हैं। संविधान में चुनाव आयोग को सिर्फ चुनाव कराने की व्यवस्था करने का ही प्रावधान है। लेकिन इस विधेयक में राष्ट्रपति के चुनाव आयोग से चुनाव को लेकर सलाह लेने का प्रावधान दिया गया है। यह विधेयक संविधान के खिलाफ है। 

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