ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में कॉलोनाइजर धड़ल्ले से अवैध कॉलोनी काट रहे हैं, प्राधिकरण के अफसर कई बार अवैध कॉलोनी में अतिक्रमण हटाने पहुंचते हैं, कार्रवाई के बाद भी कॉलोनाइजर वहां पर फिर से कॉलोनी काटनी शुरू कर देते हैं। ऐसा ही कुछ हो रहा है छपरौला स्थित सहारा सिटी में। जहां पर बीते फरवरी महीने की 10 तारीख को अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई थी, लेकिन यहां फिर से कॉलोनाइजर ने प्लाट बेंचना और निर्माण कार्य शुरू करवा दिया।
Greater Noida: इसी साल बीते 10 फरवरी को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सहारा सिटी पर बुलडोजर चलवाया था। सवा लाख मीटर से अधिक एरिया पर बने छपरौला स्थित सहारा सिटी में अवैध निर्माण को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कब्जा मुक्त कराया था। 6 महीने इस कार्रवाई को बीत चुके हैं, अब सहारा सिटी पर फिर से निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। सवाल ये कि क्या इस निर्माण कार्य के बारे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जिम्मेदार अफसरों को जानकारी नहीं है, या फिर अधिकारी जान-बूझकर आंख मूंदे बैठे हुए हैं।
फिर से शुरू हुआ निर्माण कार्य
दरअसल, छपरौला का सहारा सिटी एरिया ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में आता है। इसके बावजूद प्राधिकरण के नाक के नीचे यहां पर कॉलोनाइजर ने कॉलोनी काटकर बेंचना शुरू किया। देखते ही देखते यहां सैकड़ों मकान बनकर तैयार हो गये। लंबे समय से सहारा सिटी में कॉलोनाइजर द्वारा अवैध कॉलोनी बसाई जा रही थी। जब इसकी शिकायत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों को मिली, तो उन्होंने कार्रवाई करते हुए यहां पर बुलडोजर चलवाया। बुलडोजर की कार्रवाई के पहले प्राधिकरण की तरफ से पूर्व में धारा-10 की नोटिस जारी करते हुए इन कॉलोनाइजरों को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उनकी तरफ से नोटिस पर कोई अमल नहीं किया गया। जिसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर पुलिस-प्रशासन की डेढ़ सौ सदस्यों की टीम ने मिलकर अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। अब इस कार्रवाई को किए 6 महीनें बीत चुके हैं। प्राधिकरण के अफसरों ने दोबारा इस तरफ मुड़कर भी नहीं देखा और यहां धड़ल्ले से फिर से कॉलोनी बसाने का काम तेजी से चलने लगा।
इन अधिकारियों की मौजूदगी में हुई थी कार्रवाई
सवा लाख मीटर से ज्यादा इस एरिया को अवैध कब्जा से मुक्त करवाने के लिए बड़ी टीम ने हिस्सा लिया था। पुलिस-प्रशासन की डेढ़ सौ सदस्यों की टीम ने अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई करने पहुंचे थे। इसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के परियोजना विभाग के महाप्रबंधक और ओएसडी हिमांशु वर्मा, एसीपी हेमंत उपाध्याय के नेतृत्व में वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार, छपरौला थाने के एसएचओ अमरेश सिंह के अलावा थाने की पुलिस, दो कंपनी पीएसी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वर्क सर्किल एक व दो के सभी सदस्यों को मिलकर इस कार्रवाई को पूरा किया था। लगातार 4 घंटे तक 12 जेसीबी का इस्तेमाल कर अतिक्रमण हटाया गया था। इसमें 5 डंपरों और अन्य मशीनरी का भी इस्तेमाल किया गया था। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओएसडी हिमांशु वर्मा ने कार्रवाई के बाद बताया था कि ये जमीन ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित एरिया में है। इसके बावजूद यहां पर अवैध निर्माण करने की कोशिश की जा रही थी, जिसके चलते ये कार्रवाई की गई है। इन कॉलोनाइजरों के खिलाफ प्राधिकरण की तरफ से एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई भी की गई थी। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि अधिसूचित एरिया में जमीन पर अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। अगर कहीं पर अवैध निर्माण हो चुके हैं, तो उनको भी सील किया जाएगा।
कार्रवाई और कड़ी चेतावनी से भी नहीं डरे कॉलोनाइजर?
सवाल ये कि इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद भी कॉलोनाइजर पर कोई असर क्यों नहीं पड़ा। जबकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र की अधिसूचित जमीन पर अवैध कॉलोनी काटने वाले 5 नामजद कॉलोनाइजर समेत 20 लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। प्राधिकरण की करीब 400 बीघा जमीन पर इन कॉलोनाइजरों ने अवैध निर्माण कर रखा था। ऐसा नहीं है कि कॉलोनाइजर रातों-रात कॉलोनी काटकर बसा दे रहे हैं। सालों से अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं और प्राधिकरण के अफसर हैं कि कोटा पूर्ति तक ही कार्रवाई पर विश्वास रखते हैं। ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ऐसे कई कॉलोनाइजर हैं, जो अवैध तरीके से कॉलोनी काटकर आम लोगों की गाढ़ी कमाई को लूट रहे हैं।
कैसे बसाई गई थी सहारा सिटी?
साल 2000 में सहारा ग्रुप ने छपरौला गांव में करीब 400 बीघे जमीन सिटी बसाने के लिए ली थी। किसी कारण बस इस जमीन पर निर्माण कार्य नहीं शुरू हो सका, जिसके बाद गिद्धों ने अपनी नजर इस जमीन पर बना ली। साल 2020-21 में कॉलोनाइजर ने यहां पर अवैध कॉलोनी काटनी शुरू कर दी और प्लाट को सहारा सिटी के नाम पर बेंचना शुरू कर दिया।
हजारों लोगों को ठग चुके हैं कॉलोनाइजर
ग्रेटर नोएडा के छपरौला स्थित सहारा सिटी पर कॉलोनाइजर की लंबे समय से नजर थी। सालों से यहां छोटे-छोटे प्लॉट काट कर बेंचे जा रहे थे। कई बार लोगों ने इसकी शिकायत आम लोगों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में की लेकिन तब अधिकारियों ने कोई संज्ञान नहीं लिया। अब जब हजार के करीब प्लाट बिक चुके हैं, लोगों अपनी गाढ़ी कमाई लगाकर प्लाट की रजिस्ट्री करवा ली, तब जाकर प्राधिकरण के अफसरों ने सुध ली। अब फिर से एक बार कॉलोनाइजर एक्टिव हो चुके हैं, फिर से आम लोग यहां अपनी गाढ़ी कमाई लगाएंगे। कॉलोनाइजर तो पैसा कमाकर वहां से रफ्फू-चक्कर हो जाएंगे, अगर कोई फंसेगा तो आम आदमी, जिन्होंने सस्ते के चक्कर में यहां पर प्लॉट खरीदा है।
सीईओ के निर्देश को दिखाया जा रहा ठेंगा?
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने सभी वर्क सर्किल प्रभारियों को अतिक्रमण के खिलाफ लगातार अभियान चलाने के सख्त निर्देश दिये हैं। सीईओ ने सभी वर्क सर्किल प्रभारियों को निर्देश दिया है कि प्राधिकरण अधिसूचित एरिया में जहां भी अतिक्रमण हो रहा है, उसको अभियान चलाकर तोड़ा जाए। साथ ही उन्होंने लोगों से भी अपील की थी कि इन कॉलोनाइजरों के चंगुल में फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई न लगाएं। इसके बावजूद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं और प्राधिकरण के अफसर अपने ही आलाधिकारी के निर्देश को अनदेखा कर रहे हैं।