Greatrer Noida: सेक्टर-24 में स्थित मोबाइल का उत्पादन करने वाली वीवो कंपनी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईडी ने वीवो की संपत्तियों की बिना अनुमति बिक्री पर रोक लगा दी है। वहीं, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट ( धन शोधन) के तहत चल रही जांच में ईडी ने यमुना प्राधिकरण से वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की रिपोर्ट मांगी है। वीवो कंपनी पर वर्ष 2023 में जीएसटी का पैसा चीन पहुंचाने का आरोप है।

आवेदन से लेकर आवंटन तक की मांगी जानकारी
ईडी के सहायक निदेशक अमित कुमार ने यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह को पत्र लिखकर वीवो की संपत्तियों की बिना अनुमति किसी भी तरह से बिक्री या हटाने पर रोक लगाने की बात कही है। इसकी रिपोर्ट भी जल्द से जल्द मांगी गई है। ईडी ने यीडा से वीवो कंपनी के आवेदन से लेकर आवंटन और निर्माण तक की पूरी जानकारी मांगी है। जिसमें रजिस्ट्री डीड, सेल डीड, लीज डीड, संपत्ति के मालिक का विवरण, लीज सबलीज समझौतों की प्रतियां, क्षेत्र का सर्किल रेट और इससे जुड़े सभी दस्तावेज उपल्बध कराने को कहा है। ईडी से लेटर मिलने के बाद यीडा सारे दस्तावेज जुटा रहा है।

वीवो ने पिछले महीने शुरू किया नया प्लांट
खास बात है कि पिछले महीने ही वीवो कंपनी ने यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-24 में अपना नया प्लांट शुरू किया है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि वीवो कंपनी देश में आयातित मोबाइल फोन पर लगने वाले उच्च शुल्क का सामना कर रही है। यह मामला चीनी निवेश के साथ ही देश की आर्थिक सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण जांच एजेंसियां इस मुद्दे पर संजीदा हैं।

169 एकड़ भूमि का आवंटन 2018 में हुआ था
उल्लेखनीय है कि यमुना प्राधिकरण ने 2018 में वीवो कंपनी को 169 एकड़ भूमि आवंटित की थी। दो चरणों में कंपनी का निर्माण कार्य पूरा होगा। पहले चरण का निर्माण पूरा हो चुका है। वीवो कंपनी सालाना छह करोड़ स्मार्ट फोन तैयार करने की क्षमता से काम कर रही है। दूसरे चरण का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यहां प्रतिवर्ष साढ़े 14 करोड़ मोबाइल तैयार होंगे। वर्तमान में यहां 800 कर्मचारी हैं।

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