Greater Noida: नोएडा के किसानों के साथ एक बार फिर धोखा हुआ है। आश्वासन के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं होने पर सोमवार को किसान सभा से सैकड़ों किसानों ने जैतपुर गोल चक्कर पर इकट्ठे होकर जुलूस के रूप में प्राधिकरण की ओर जबरदस्त नारेबाजी करते हुए कूच किया। प्राधिकरण के दूसरे गेट पर जबरदस्त नारेबाजी व प्रदर्शन करते हुए लोग धरने पर बैठ गए। धरने की अध्यक्षता बाबा रामचंद्र ने की संचालक किसान सभा के महासचिव जगबीर नंबरदार ने किया।


सीएम योगी के दौरे से पहले खत्म हुआ था धरना


बता दें कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ग्रेटर नोएडा दौर था। जिसे इसको देखते हुए नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश ने किसानों के बीच आकर आश्वासन दिया था। नोएडा विधायक पंकज सिंह ने भी आश्वासन दिया था कि समस्याओं का समाधान होगा। लेकिन किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, जिसके चलते किसानों को फिर से धरना देना पड़ा है। किसानों के धरने को देखते हुए मौके पर एडिशनल डीसीपी शक्ति अवस्थी व एसीपी रजनीश वर्मा मौके पर मौजूद हैं। इसके साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है।


आश्वासन के बाद भी नहीं हुआ समस्याओं का समाधान


किसान नोएडा प्राधिकारण के सामने बार फिर धरने पर बैठे हुए हैं। धरने को संबोधित करते हुए किसान नेता सुखबीर खलीफा ने कहा कि ‘हमारी समस्याओं का समाधान स्थानीय विधायक व नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश के आश्वासन के बाद भी नहीं हुआ है। हम तो बार-बार सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि किसानों की समस्याओं का समाधान हो जाए। सर्दी में किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन फिर भी किसान डटे हुए हैं और डटे रहेंगे।

296 मामले अनुमोदित होने पर भड़के किसान


धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि लीज बैक के शासन स्तर पर लंबित 533 प्रकरणों और बादलपुर के 208 प्रकरणों को अनुमोदित करने का दबाव किसान सभा ने बनाया था। जिस पर लिखित समझौता 16 सितंबर को हुआ था। लिखित समझौते में 31 अक्टूबर से पहले ही शासन स्तर पर लंबित लीज बैक प्रकरणों को प्राधिकरण ने अनुमोदित कराने का वादा किया था। परंतु 4 अक्टूबर को शासन स्तर से आई चिट्ठी में 533 में से 296 मामले अनुमोदित कर दिए गए। 237 मामले अनुमोदन के बजाय खारिज कर दिए गए हैं, जिससे किसानों में आक्रोश फैल गया। किसान सभा ने जबरदस्त प्रोटेस्ट करते हुए अफसरों से शासन की भेजी चिट्ठी को निरस्त करने के लिए कहा है। अफसरों द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर धरना प्रदर्शन किया गया।

ज्ञापन देकर रखी मांगें


संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा किसान सभा जो भी लड़ाई लड़ती है आर पार की लड़ती है आज हम आईडीसी मनोज कुमार सिंह के नाम और मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा के नाम पर ज्ञापन दे रहे हैं। ज्ञापन में हमने 4 अक्टूबर की चिट्ठी को निरस्त करने, 237 मामलों में लीजबैक का अनुमोदन, बादलपुर के 208 प्रकरणों का अनुमोदन मंगवाने और शिफ्टिंग की नीति में संपूर्ण रकबे की नीति का अनुमोदन मंगवाने की मांग रखी है।


प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने मांगा समय, दिया आश्वासन


धरना स्थल पर अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमनदीप डूली ज्ञापन रिसीव करने पहुंचे। अमनदीप डूली ने धरना रत किसान सभा के लोगों को अवगत कराया कि प्राधिकरण सभी 237 मामलों में तथ्यात्मक जानकारी शासन को उपलब्ध कराते हुए अनुमोदन की कार्रवाई करवायेगा। संपूर्ण रकबे की शिफ्टिंग पर किसान सभा के साथ लिखित में सहमति बन चुकी है। शासन स्तर पर लंबित शिफ्टिंग के ड्राफ्ट को भी दुरुस्त कराया जाएगा। साथ ही आश्वासन दिया कि बादलपुर और चौगानपुर के 208 प्रकरणों को यथावत अनुमोदित कराया जाएगा। इस कार्रवाई के लिए दो से तीन हफ्ते के समय की मांग की है। प्राधिकरण के ठोस आश्वासन के आधार पर संयोजक वीर सिंह नागर ने ज्ञापन सौंपते हुए दो से तीन हफ्ते का समय प्राधिकरण को देते हुए धरने के समाप्ति की घोषणा की।

किसान नेता ने मांगें नहीं पूरी होने पर दोनों गेट बंद करने की दी चेतावनी


समाप्ति के समय धरने को संबोधित करते हुए डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा कि किसान सभा जिले का सबसे मजबूत मुस्तैद और जागरूक संगठन है। किसानों के किसी भी मसले पर कोई भी नाजायज करवाई किसान सभा होने नहीं देगी। प्राधिकरण के पास सभी मसलों को हल करने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय है।। प्राधिकरण ने किसी भी मसले पर जरा भी ढील की तो 1 नवंबर से प्राधिकरण के दोनों गेटों का ताला बंद कर दिया जाएगा। प्राधिकरण को किसानों के मुद्दों को हल करें बिना काम नहीं करने दिया जाएगा।

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