प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का हल्लाबोल प्रदर्शन सोमवार को सूरजपुर कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर जारी है। किसान काफी समय से लगातार अपनी मांगों के साथ प्राधिकरण को घेराव और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। समय के साथ ही ये आक्रोश बढ़ता दिख रहा है। किसान सरकार और प्राधिकरण के खिलाफ नारे लगा रहे हैं और प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की मदद न करने को लेकर रोष भी प्रकट कर रहे हैं। सोमवार को जारी इस धरना प्रदर्शन को लेकर क्या कुछ किसान नेताओं का कहना है, पढ़िए Now Noida की ग्राउंड रिपोर्ट…

इन मांगों के लिए किसान कर रहे प्रदर्शन

किसानों की तरफ से लगातार अपनी मांगों के लिए धरना प्रदर्शन और घेराव किए जा रहे हैं। किसानों के मुताबिक लेकिन प्रशासन की ओर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। किसानों का कहना है कि जब तक प्रशासन उनकी बात नहीं सुनेगा, वो इसी तरह से धरना प्रदर्शन करते रहेंगे। किसान मुख्य तौर पर 10% का प्लॉट और 5 प्रतिशत व आबादी के पूर्ण निस्तारण, नक्शा नीति को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं किसान गांव के विकास की मांग भी उठा रहे हैं।

किसान नेता मानवेंद्र सिंह ने Now Noida से बातचीत के दौरान कहा कि ‘इस बार आर-पार की लड़ाई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर चौहान के निर्देशन में हम लोग गांव-गांव जाकर किसानों के साथ मजबूती के साथ अभियान लड़ने का इंतजाम करेंगे। हमें चाहें दिल्ली कूच करना पड़े, चाहे लखनऊ कूच करना पड़ें। किसी प्रकार से पीछे नहीं हटेंगे। पावर कमेटी के नाम पर जो लॉलीपॉप दिया और हमारे किसानों को बहकाने का काम किया। किसान 35 से 40 साल से लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन रत्ती भर भी काम नहीं हुआ है’।

किसान नेता सुधीर चौहान ने Now Noida से बातचीत के दौरान कहा कि समझौता हुआ था 29 जनवरी 2021 को, जो किसानों का बकाया है, 90 परसेंट पैसा दिया जा रहा है, 10 परसेंट का प्लाट देंगे। 10 परसेंट पैसा नहीं मिला, उसका प्लॉट मिलना है। लेकिन आज भी ये लागू नहीं हुआ। माननीय सुप्रीम कोर्ट की बात नहीं मानी इन्होंने। हम कोई मांग लेकर नहीं आए हैं, ये करार है।

किसान नेताओं की ओर से कही गई बड़ी बातें

घेराव के दौरान जमा हुई भारी भीड़ को किसान नेताओं ने संबोधित किया। इस दौरान कहा गया कि सरकारें बैठी हुई हैं, कोई मदद नहीं। जब हमारे बड़े-बुजुर्गों की पगड़ी उछाली जाती है, तब ये प्रशासन कहा रहता है। एक्शन न लेने और धरना प्रदर्शन पर किसान नेता बोले कि हमको भी मजा नहीं आता धरना प्रदर्शन में। आपको बता दें, इससे पहले किसान नेता साफ स्पष्ट कर चुके हैं कि जब तक उनकी बात नहीं मानी जाएगी, इसी तरह से किसान प्रदर्शन करते रहेंगे।

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