Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में लिपस्टिक की खुदाई के दौरान चांदी जैसी धातु खुदाई में निकली है, जिसे लूटने की होड़ गांव के लोगों में होड़ मच गई। बताया जा रहा है कि लिपस्टिक की खुदाई के दौरान सफेद धातु के सिक्के और आभूषण मिले हैं। ये प्राप्त हुआ खजाना किसका है, इसकी कोई खबर अभी तक नहीं है। वहीं, पुलिस को भी इसकी भनक तक नहीं हुई है।

ग्रेटर नोएडा में मिली खजाना

ग्रेटर नोएडा के थाना दनकौर क्षेत्र के राजपुर कला गांव में खजाना मिलने की खबर संज्ञान में आई है। यहां के ग्रामीणों ने बताया कि बीती रविवार रात को ग्राम प्रधान केली उर्फ कैलाश के खेत में जेसीबी से खुदाई हो रही थी। यहां पर एक ग्रामीण निर्माणाधीन मकान को भरने के लिए अपने खेत से मिट्टी उठवा रहा था। इसलिए मिट्टी को ट्रॉली में भरकर लाया जा रहा था। सुबह ग्रामीणों को रास्ते में मिट्टी के साथ कुछ सिक्के बिखरे मिले। इसके बाद जमीन पर सिक्के मिलने की खबर से गांव में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, जोकि सिक्के लूटने और खजाना देखने आए थे।

बनावट देख लोग बोले मुगल काल के समय के हैं सिक्कें

वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स इस खजाने को लेकर दावा कर रही हैं कि इस संबंध में ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन या पुरातत्व विभाग को कोई सूचना नहीं दी हैं। वहीं, लोगों का कहना है कि ग्रामीणों को वहां भारी मात्रा में सिक्के और सफेद धातु के आभूषण भी मिले हैं। धातु की संरचना मुगल और ब्रिटिश शासन काल की बताई जा रही है। इसके बाद और सिक्कों के लालच में दूसरे दिन भी ग्रामीण खेत में घूमते देखे गए।

20 किलो खजाना हुआ बरामद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रामीणों का कहना है खेत की खुदाई में अभी तक 20 किलो चांदी के सिक्के और आभूषण बरामद हुए हैं। साथ ही ये ग्रामीणों का मानना है कि अगर इस जगह की खुदाई की जाए तो भारी मात्रा में खजाना बरामद हो सकता है। हालांकि, अब इस पूरे मामले को लेकर पुरातत्व विभाग एक्टिव हो गया है। आपको बता दें, गौतमबुद्ध नगर के इतिहास पर नजर डालें, तो बिसरख का संबंध त्रेता युग के रावण से है। मान्यता है कि रावण का जन्म इसी बिसरख क्षेत्र में हुआ था और दनकौर कस्बे का इतिहास महाभारत काल से भी जुड़ा बताया जाता है। सुबूत के तौर पर लोग गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा द्रोण मंदिर को उदाहरण देते हैं।  

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version