Greater Noida Authority ने दो सालों में छुए विकास के नए आयाम, सीईओ एनजी रवि कुमार की कोशिशें लाईं रंग
- Rishabh Chhabra
- 18 Mar, 2025
संस्थान सरकारी हो या गैर सरकारी मार्च का महीना ईयर एंडिंग माना जाना है. इस के आखिर में फाइनेंशियल रिपोर्ट तैयार करने के साथ ही इसे पेश करने की आपाधापी मची रहती है. वहीं बात करें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तो सीईओ एनजी रवि कुमार के नेतृत्व में आर्थिक स्थिति कैसी है. तो सीईओ एनजी रवि कुमार के नेतृत्व में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की स्थापना को तकरीबन 3.5 दशक का समय बीत चुका है. जिसमें प्राधिकरण ने विकास के नए-नए आयामों को छू लिया है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 2 साल में अपनी आर्थिक स्थिति में कितना सुधार किया है। आइए जान लेते हैं-
2 सालों में किए गए ये सुधार
1 अप्रैल 2023 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर नोएडा प्राधिकरण का 2590 करोड रुपए बकाया था. जिसका पिछले 6-7 महीने से ब्याज भी नहीं जा पा रहा था. वहीं आज ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा प्राधिकरण को मूलधन में से 240.5 करोड़ रुपए लौटा दिया है. इसके साथ ही ब्याज भी लगातार जमा किया जा रहा है.
1 अप्रैल 2023 को एनसीपीबी (NCPB) के ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर 13 लोन चल रहे थे. जो कि करीब 482.5 करोड़ रुपए के थे. वहीं अब तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एनसीपीबी के 13 लोन में से 9 लोन पूरी तरह से खत्म कर दिए हैं. जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एनसीपीबी को 155.16 करोड रुपए चुका दिए गए हैं. बाकी चार लोन की समय से किस्त दी जा रही है.
1 अप्रैल 2023 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्राइवेट बैंकों का 1032.89 करोड़ कर्ज बकाया था. जिसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने प्राइवेट बैंकों का पूरा लोन ब्याज समेत चुका दिया है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्राइवेट बैंकों का अब कोई लोन बकाया नहीं है.
फिक्स्ड डिपाजिट
1 जुलाई 2023 तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास 357.75 करोड़ रुपए का फिक्स्ड डिपॉजिट था. जबकि वर्तमान समय में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास 6154.25 करोड़ रुपए का फिक्स डिपाजिट है. जिससे सालाना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को लगभग 500 करोड़ रुपए की आमदनी होगी.
फिक्स डिपाजिट से ब्याज के रूप में आने वाली आमदनी को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण स्वास्थ्य, उद्यान, ग्रामीण विकास, गौशाला और प्राधिकरण के कर्मचारियों के वेतन पर खर्च करेगा. साथ ही प्राधिकरण को जो पैसा ब्याज के रूप में देना होता है. वह भी यहीं से दिया जाता है.
पिछले लगभग दो सालों में प्राधिकरण ने बिल्डर, कॉमर्शियल, इंस्टीट्यूशन आदि प्लॉट का आवंटन बड़ी संख्या में किया है. जिसकी वजह से प्राधिकरण को आमदनी हुई है. इस बार प्राधिकरण का सालाना बजट भी करीब 5000 करोड़ का होगा.
2 सालों में प्राधिकरण ने कर ली तरक्की
आप इन आंकड़ों से अंदाजा लगा सकते हैं कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पिछले 2 सालों में आर्थिक तौर पर कितनी तरक्की कर ली है. सीईओ एनजी रवि कुमार और उनके वित्त विभाग की टीम ने आर्थिक स्थिति सुधार के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया है लेकिन नए विकास कार्यों पर अभी भी कम खर्च हो रहा है. प्राधिकरण को विकास कार्य और जन सुविधाओं पर खर्च बढ़ाना चाहिए. जिससे शहर के नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें और शहर अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों को पूरा करने में खरा उतरे.
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