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नोएडा में बड़ा साइबर फ्रॉड; 15 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर बुजुर्ग पति-पत्नी से 3.14 करोड़ ठगे, ऑनलाइन कोर्ट में भी किया पेश

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सेक्टर 78 में रहने वाले सेवानिवृत्ति निदेशक और उनकी पत्नी की शिकायत कर साइबर क्राइम थाने में बुधवार को FIR दर्ज कराई है।
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Noida: नोएडा में डिजिटल अरेस्ट कर बड़ी ठगी करने का मामला सामने आया है। साइबर जलसाजों ने बुजुर्ग दम्पति को 15 दिन तक डिजिटल कर 3.15 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। जालसाजों ने मनी लर्निंग केस में जेल भेजने की धमकी देकर अपने जाल में फंसाया था। खुद को ईडी, सीबीआई और मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर की ठगी की। सेक्टर 78 में रहने वाले सेवानिवृत्ति निदेशक और उनकी पत्नी की शिकायत कर साइबर क्राइम थाने में बुधवार को FIR दर्ज कराई है। 
शातिरों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस की दी धमकी
प्राइवेट बैंक से सेवानिवृत्त फंक्शनल डायरेक्टर बिरज कुमार सरकार ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 25 फरवरी को ट्राई के नाम पर आई एक कॉल आई और फोन करने वाले ने पुराने नंबर के बारे में जानकारी मांगी। मना करने पर उन्हें बाद में अपना खोया पुराना नंबर याद आ गया। फोन करने वाले को बताने पर उसने कहा कि इस नंबर का लिंक नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है। आपके खिलाफ मुंबई के कोलाबा थाना में मुकदमा दर्ज है।  इसके बाद उन्हें थाने से कनेक्ट कराकर पुलिसकर्मी से बात कराई। बुजुर्ग के मना करने पर आनलाइन केस की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।  शातिरों ने 26 फरवरी को ऑनलाइन कार्रवाई शुरू की। इस दौरान उनके साथ पत्नी को भी डिजिटल अरेस्ट कर लिया। इस मामले की जानकारी किसी को भी बताने से मना कर दिया।

फर्जी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के सामने प्रस्तुत किया 
शिकायत में बताया कि वीडियो कॉल में एक व्यक्ति ने आईपीएस अधिकारी बनकर बात की। फिर दूसरे ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। दंपती को डराया गया कि उनका केस बहुत बड़ा है।  मामले को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इसलिए उन्हें ऑनलाइन पेश किया। शातिरों ने कोर्ट की तरह दिखने वाले कमरे में बैठकर बताया कि उनके सभी बैंक और एफडी अकाउंट फ्रीज हो गए हैं।

पैसे ट्रांसफर होते ही तोड़ा संपर्क
तथाकथित जज ने कहा कि पूरी कमाई सिक्रेट सुपर विजन अकाउंट में जमा करने होंगे। ऐसा नहीं किया तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दंपति को डरा धमका कर पैसे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाए गए। शातिरों ने बाद में बताया कि सत्यापन में आपके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं और संपर्क तोड़ दिया। इसके बाद दंपति को खुद के साथ डिजिटल अरेस्ट होने का पता चला। डीसीपी साइबर सुरक्षा प्रीति यादव ने बताया कि बुजुर्ग की शिकायत पर तुरंत मुकदमा दर्ज कर जांच तेजी से शुरू कर दी है। जिस खाते में पैसा ट्रांसफर कराया है, उसकी डिटेल निकाली जा रही है। जल्द ही साक्ष्य मिलने पर आरोपियों की तलाश की जाएगी।


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