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Shamli में अपनी ही सरकार पर भड़के संजीव बालियान, फर्जी मुकदमे से लेकर लगाए ये गंभीर आरोप

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शामली: उत्तर प्रदेश के शामली में मंदिर दुकानों के विवाद के मामले ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा जिला मंत्री विवेक प्रेमी की गिरफ्तारी के बाद व्यापारियों और भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखने को मिला। विरोध में व्यापारियों ने बाजार बंद का आह्वान किया और शिव चौक पर धरने पर बैठ गए।

इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद संजीव बालियान भी धरना स्थल पर पहुंचे और प्रशासन पर जमकर हमला बोला। उन्होंने प्रशासन पर फर्जी मुकदमे दर्ज करने का आरोप लगाया और भाजपा सरकार में ही भाजपा नेताओं को निशाना बनाए जाने पर नाराजगी जताई। बालियान ने कहा कि यदि किसी को गिरफ्तार करना है, तो पहले उन्हें गिरफ्तार किया जाए।

 पुलिस प्रशासन के आश्वासन पर खत्म हुआ धरना

बालियान ने चेतावनी दी कि प्रशासन भाजपा नेताओं और व्यापारियों को झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश कर रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिना किसी नोटिस के एसडीएम और सीओ सदर किसी भी दुकान पर नहीं जाएंगे।

व्यापारियों ने भी सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यदि विवेक प्रेमी की जल्द रिहाई नहीं हुई, तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। आखिरकार, पुलिस प्रशासन ने गुंडा एक्ट हटाने और शीघ्र रिहाई का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया।

आखिर क्यों भड़का विवाद?

यह विवाद सदर कोतवाली इलाके के गांधी चौक स्थित एक दुकान को लेकर शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि संजीव बंसल की दुकान पर कुछ बाबाओं ने कब्जा करने की कोशिश की। बाबाओं की ओर से फर्जी मुकदमा भी दर्ज कराया गया, जिसके बाद पुलिस ने भाजपा जिला मंत्री विवेक प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

इस घटना के बाद पूरे शहर में आक्रोश फैल गया। व्यापारियों ने कहा कि सरकार में भाजपा के ही नेताओं को फंसाया जा रहा है। वहीं, संजीव बालियान ने प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई, तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा।

नेताओं की गैरमौजूदगी पर उठे सवाल?
 
धरना स्थल पर भाजपा के अन्य स्थानीय नेताओं की गैरमौजूदगी पर भी बालियान ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब भाजपा जिला मंत्री को ही प्रशासन गलत तरीके से जेल भेज सकता है, तो अन्य कार्यकर्ताओं के साथ भी ऐसा हो सकता है। उन्होंने अपनी ही सरकार में प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताई और कहा कि सरकार को इस मामले में दखल देना चाहिए।

अब देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन अपने वादे के मुताबिक कब तक विवेक प्रेमी की रिहाई सुनिश्चित करता है और इस पूरे विवाद में आगे क्या कार्रवाई होती है।

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