अनफिट बसों के खिलाफ अभियान, स्कूल बसों में नए सत्र से पहले सब कुछ अपडेट कराने की सलाह, स्कूली वैन पर कड़ी नजर

- Nownoida editor2
- 28 Mar, 2025
Noida: सड़कों पर दौड़ रही अनफिट और नियमों का उल्लंघन करने वाली
बसों के खिलाफ नोएडा परिवहन विभाग ने अभियान शुरू कर दिया है. इस अभियान में स्कूल
बसों को भी शामिल किया गया है. स्कूल बसों के अलावा 279 गाड़ियों पर कार्रवाई हुई
है. इनके पास लगभग एक करोड़ के आसपास बकाया है, इनसे डायरेक्ट जमा कराया गया है. विभाग की ओर से लगातार
कार्रवाई चल रही है. मार्च के महीने में स्कूल बसों के खिलाफ कार्रवाई हो ही रही
हैं, लेकिन
बकायेदारों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जा रही है.
नए सत्र से पहले सब कुछ करा लें अपडेट
परिवहन विभाग ने स्कूल मालिकों और बस ऑपरेटर्स को नए सत्र से पहले बसों को
दुरुस्त कराने के लिए नोटिस भेजा है. स्कूल खुलने पर परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम
बसों और स्कूली वैन की जांच के लिए अभियान चलाएगी. एआरटीओ प्रशासन डॉ. सिया राम
वर्मा ने कहा कि इसमें सभी बसों को दुरुस्त करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा
निजी वैन को स्कूल से संबद्ध नहीं करने के लिए भी स्कूलों से कहा गया है.
स्कूली वैन पर कड़ी नजर
उन्होंने कहा कि सिर्फ व्यावसायिक श्रेणी में पंजीकृत वैन में स्कूली बच्चे
सफर कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि स्कूल बसों में कमियां मिलने पर चालान किया
जाएगा. बसों की फिटनेस, परमिट या रोड टैक्स बकाया होगा तो इन्हें जब्त कर लिया
जाएगा. उन्होंने कहा कि स्कूली वाहनों में बच्चों को सुरक्षित सफर मिले यह स्कूलों
की जिम्मेदारी है.
6 हजार बसें हैं रजिस्टर्ड
सिया राम वर्मा ने बताया कि अनफिट गाड़ियां हमारी लगभग 123 हैं और बसें हमारे
यहां दो प्रकार के हैं. कुछ स्कूल बसें हैं और कुछ स्कूल के अलावा बसें हैं, जिनको हम एक कैटेगरी में रखते हैं उसमें
फैक्ट्री की परमिट है और प्राइवेट सेक्टर में विभिन्न रूटों पर चलती हैं. तो अगर
हम कुल मिला के बात करें तो लगभग 6000 बसें इस जनपद में पंजीकृत हैं. 2000 के
आसपास बसें स्कूल की हैं और 4000 के आसपास प्राइवेट सेक्टर में अन्य कार्यों के
लिए जैसे फैक्टरी में हैं. जिन पर लगातार कार्रवाई चल रही है.
एआरटीओ की सलाह
एआरटीओ प्रशासन का कहना है कि स्कूल के संचालक है या ऐसे बस संचालक जिनकी
गाड़ियां स्कूल में चल रही हैं. अपनी गाड़ियों को ठीक से रखें. कमेटी ऑन रोड सेफ्टी
जो सुप्रीम कोर्ट की कमेटी है, उनके जो मानक हैं उन मानक का अनुपालन कराएं. जिससे बच्चों
का स्कूल से घर आने जाने का सफर अच्छा रह सके. एक्सीडेंट की संभावना कम हो.
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