नोएडा प्राधिकरण की कार्यशैली पर सवाल, सीईओ की पहल पर 38 किसानों को मिली राहत, प्लॉट मिलने का रास्ता साफ

- Nownoida editor2
- 22 Apr, 2025
Noida: नोएडा प्राधिकरण के भूलेख विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गया है. 38 किसानों को मिलने वाले 5% आवासीय प्लॉट आवंटन मामले में सवाल उठने लगे हैं. बिना अतिक्रमण के किसानों की फाइल पर आपत्ति दर्ज की गई. आपत्ति दर्ज होने से किसान 5 साल से प्राधिकरण के चक्कर काट रहे थे. किसानों द्वारा CEO लोकेश एम से शिकायत की गयी.
CEO की पहल पर दोबारा सर्वे
CEO के आदेश पर दोबारा सर्वे कराया गया. सर्वे
में 38 किसानों द्वारा अतिक्रमण
नहीं मिला. CEO की पहल से अब किसानों को प्लॉट मिलने का
रास्ता साफ हो गया. नोएडा के 55 गावों का सर्वे भी शुरू कराया गया है. किसानों ने सीईओ को शुक्रिया बोला.
उन्होंने कहा कि कहा अच्छे से सब कुछ देखा जाए तो किसान गलत नहीं है.
दलालों ने लूटे प्लॉट
किसान नेता सुखबीर खलीफा ने कहा ने कहा कि जिन किसानों को
पांच-छह सालों से अतिक्रमण के कारण नोएडा अथॉरिटी प्लॉट नहीं दे रही थी, उनका दोबारो सर्वे किया गया,
अब वे अतिक्रमण से मुक्त पाए गए हैं. अब उन्हें भी अपना प्लॉट मिल
जाएगा. लेकिन यहां पर अतिक्रमण के नाम पर दलालों के साथ हजारों किसान के प्लॉट लूट
लिए गए. नोएडा प्राधिकरण भ्रष्ट संस्था है, सुप्रीम कोर्ट भी
इस बात को कहता है.
बड़े अधिकारियों को बरगलाया
किसान नेता अतुल यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि
नोएडा प्राधिकरण सबसे भ्रष्ट प्राधिकरण है और उसके आंख, कान और नाक से भ्रष्टाचार
टपकता है. जिन किसानों का पांच प्रतिशत प्लॉट ये कहकर रोका गया था कि उन्होंने
अतिक्रमण किया हुआ है. अभी एक ताजा सर्वे हुआ है, जिसमें
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने यह पाया है कि पिछले पांच सालों में छोटे अधिकारियों
द्वारा बड़े अधिकारियों को बरगलाया गया है. झूठ बोला गया है. अतिक्रमण नहीं पाया
गया है. उनके प्लॉट गलत तरीके से रोका गया है.
किसान नेता सुधीर चौहान ने कहा कि अभी तो एक परत खुली है.
इस अतिक्रमण के नाम के शब्द के घोटाले की, जिसे लगाकर किसानों के लाभ को रोक लिया
जाता है और भ्रष्टाचार का माध्यम पनपा जाता है उसको पैदा किया जाता है. जो बात
हमने रखी है वह अब धीरे-धीरे रंग लाएंगी. पतरें जरूर खुलेंगी कि कौन अधिकारी हैं
जो गलत तरीके से किसानों के शोषण के लिए अतिक्रमण को आधार बनाता रहा.
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