गौतमबुद्ध नगर में बनेगा ग्रेटर नोएडा मेगा टर्मिनल, पश्चिमी यूपी का होगा सबसे बड़ा स्टेशन, रोजाना चलेंगी 100 ट्रेनें, जानिए MMTH की खासियत

- Nownoida editor2
- 23 Apr, 2025
Noida: गौतमबुद्ध नगर जिले में पश्चिमी यूपी का सबसे बड़ा रेलवे
स्टेशन बनने वाला है. ग्रेटर नोएडा के बोडाकी के पास मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब
(एमएमटीएच) बनाया जा रहा है. इसी में रेलवे स्टेशन भी बनाया जाएगा. यहां पर 12
प्लेटफॉर्म बनाए जा रहे हैं, जहां से वंदे भारत एक्सप्रेस समेत रोजना 100 ट्रेन चलेंगी. इस स्टेशन का
नाम ग्रेटर नोएडा मेगा टर्मिनल रखा गया है.
दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हिस्सा
ग्रेटर नोएडा के बोडाकी में 176 हेक्टेयर में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया
जा रहा है. ग्रेटर नोएडा मेगा टर्मिनल भी इसी में 46 हेक्टेयर में बनाया जाएगा. इस
स्टेशन पर 12 प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे. वहीं,
ट्रेनो के रखरखाव के लिए 63 यार्ड लाइनें भी बनेंगी. स्टेशन के ग्राउंड फ्लोर पर
ट्रेन का परिचालन होगा. वहीं, ऊपरी मंजिल पर रिटेल, ऑफिस और गेस्ट हाउस भी बनाए जाएंगे. यह दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
परियोजना का यह एक शुरुआती हिस्सा है.
70,000 वर्ग मीटर होगा
बिल्टअप एरिया
मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब में मेट्रो स्टेशन, एक आईएसबीटी और रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे. जहां पर नोएडा,
ग्रेटर नोएडा, एनसीआर,
दिल्ली के अन्य हिस्सों से आने-जाने वाले यात्रियों को लाया जाएगा. एमएमटीएच के
बीच में ग्रेटर नोएडा मेगा टर्मिनल होगा जो कि एक मॉडर्न रेलवे स्टेशन होगा. रेलवे
स्टेशन का बिल्टअप एरिया 70,000 वर्ग मीटर होगा.
विशेष रेलवे परियोजना घोषित
176 हेक्टेयर में बनने वाले एमएमटीएच को लेकर अधिकतर जमीन अधिग्रहण कर लिए गए
हैं. वहीं, 46 हेक्टेयर में बनने
वाली जमीन के अधिग्रहण काम को दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा. इसकी प्रक्रिया
जल्द शुरू होगी. एमएमटीएच को दिसंबर 2024 में एक विशेष रेलवे परियोजना घोषित किया
गया था. इसके निर्माण को लेकर कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली
जाएंगी.
आनंद विहार पर लोड होगा कम
पूरे क्षेत्र को दो जोन में बांटा गया है. जोन-1- जो कि 130 हेक्टेयर में फैला
हुआ है. इसमें आईएसबीटी, स्थानीय बस टर्मिनल, मेट्रो स्टेशन और कमर्शियल
एरिया होंगे. वहीं, जोन-2 जो कि 46 हेक्टेयर में फैला है.
उसमें मेगा रेलवे टर्मिनल और दूसरे कमर्शियल एक्टिविटी होंगे. इसके तैयार हो जाने
के बाद आनंद विहार रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी पर दबाव कम होगा.
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