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CM योगी बोले, युवा शक्ति को तकनीकी रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता

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Lucknow:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा विभागों की समीक्षा बैठक की। बैठक में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत आठ वर्षों में तकनीकी शिक्षा को अधिक सुलभ, गुणवत्तापूर्ण, नवाचारपरक एवं परिणामोन्मुखी बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा की गयी ठोस पहलों के उत्साहवर्धक परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं। गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए सभी प्राविधिक संस्थान नैक, एनबीए तथा एनईआ0एफ मूल्यांकन में प्रतिभाग करें, परंतु आवेदन से पूर्व व्यापक तैयारी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। राज्य संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा (एसआईआरएफ) के तहत राजकीय एवं अनुदानित पॉलिटेक्निक संस्थानों की रैंकिंग की सराहना करते हुए इसके अंतर्गत निजी संस्थानों को भी सम्मिलित करने के निर्देश दिए


एकेटीयू में 1.64 सीटों पर हुए एडमिशन

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि डॉ.पीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में वर्ष 2024-25 के लिए 1.64 लाख सीटों पर नामांकन हुआ है। विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप पाठ्यक्रमों का पुनर्गठन किया गया है, जिसमें एमओओसी आधारित अध्ययन, चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट तथा इंटीग्रेटेड प्रोग्राम सम्मिलित किए गए हैं। सत्र 2023-24 में विश्वविद्यालय के 12,739 छात्रों को रोजगार प्राप्त हुआ, जिसमें अधिकतम वार्षिक वेतन 59.91 लाख रुपये रहा। इसी प्रकार, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर में वर्ष 2023-24 में छात्रों को 52 लाख रुपये वार्षिक वेतन तक के पैकेज पर प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट मिला।


नए इंजीनियरिंग कॉलेज के कार्य जल्द पूरा कराएं

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि नवस्थापित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बस्ती,  गोण्डा,  मीरजापुर एवं प्रतापगढ़ के भवन निर्माण और परिसर विकास से जुड़ी सभी परियोजनाएं निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूर्ण की जाएं ताकि अगले शैक्षणिक सत्र से यह कॉलेज अपने निजी परिसरों से संचालित हो सकें। किसी भी संस्थान में नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत करते समय स्थानीय औद्योगिक आवश्यकताओं एवं संभावनाओं को प्राथमिकता दी जाए।


तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा को उद्योगों से और अधिक गहराई से जोड़ा जाए

तकनीकी शिक्षा के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि प्रदेश में कुल 2,139 पॉलीटेक्निक संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें 147 राजकीय, 18 पीपीपी मोड, 19 अनुदानित एवं 1,948 निजी संस्थान शामिल हैं। इन संस्थानों में 2.68 लाख से अधिक प्रवेश क्षमता उपलब्ध है, जिनमें 1.15 लाख से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। विभाग द्वारा डिजिटल कक्षाएं, आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति, उद्योग-संलग्न पाठ्यक्रम, तथा फ्रंटियर टेक्नोलॉजी जैसे ड्रोन टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस एवं मशीन लर्निंग को पाठ्यक्रमों में समाहित किया गया है। वर्ष 2017 से अब तक प्रदेश में 39 नए राजकीय पॉलीटेक्निक स्थापित किए गए हैं तथा 13,000 से अधिक शिक्षकों एवं अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।


1.25 लाख प्रशिक्षुओं को अप्रेंटिसशिप एवं रोजगार

मुख्यमंत्री को व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में 324 राजकीय एवं 2982 निजी आईटीआई प्रदेश में संचालित हैं। टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के सहयोग से 212 राजकीय आईटीआई को आधुनिक प्रयोगशालाओं एवं कुशल प्रशिक्षकों से सुसज्जित कर उन्नत बनाया गया है। इन संस्थानों में दीर्घकालिक ट्रेड्स के साथ-साथ अल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं। वर्ष 2024-25 में लगभग

1.25 लाख प्रशिक्षुओं को अप्रेंटिसशिप एवं रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के अंतर्गत अब तक 30,000 से अधिक छात्रों द्वारा आवेदन किया जा चुका है।


 मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा को उद्योगों से और अधिक गहराई से जोड़ा जाए। प्रत्येक छात्र को प्रशिक्षण के साथ एक निश्चित अवधि की औद्योगिक इंटर्नशिप सुनिश्चित कराई जाए। प्रदेश की युवा शक्ति को तकनीकी रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता है। शिक्षा केवल प्रमाण-पत्र प्राप्ति का माध्यम न होकर एक व्यावहारिक, कौशलपूर्ण एवं उपयोगी प्रणाली होनी चाहिए।

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