टेक जोन 4 में बिल्डरों की मनमानी, नियमों की अनदेखी कर हो निर्माण काम, जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं लोग, प्रशासन मौन

- Nownoida editor2
- 15 May, 2025
Greater Noida: टेक जोन 4 में कई निर्माण कार्य चल रहे लेकिन कहीं भी प्रदूषण नियंत्रण के उपाय नहीं किए गए, कहीं भी NGT के नियमों का पालन नहीं होता है. परियोजनाओं पर मिट्टी खुदाई के बाद डंपरों से इधर उधर भेजा जाता है. डंपर सड़कों पर मिट्टी गिराते ले जाते हैं. वहीं मिट्टी वाहनों के आवाजाही से हवा में उड़ती रहती है. इससे लोगों को परेशानी होती है. इधर के रास्तों से गुजरने से पहले लोग कई बार वैकल्पिक रास्तों के बारे में सोचते हैं.
जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर लोग
हद की बात तो यह है कि टेक जोन 4 में 7 फॉर्मल स्कूल हैं और लगभग 8 से 10 प्ले स्कूल हैं. स्कूलों के अलावा कई रिहायशी सोसाइटियां भी हैं. सभी निवासी और बच्चे धूल रूपी जहर घुली हवा में सांस लेने को मजबूर है. कई बार शिकायत के बाद भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण या प्रदूषण विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. निर्माण कार्य में धूल नियंत्रण के लिए, कुछ नियम बनाए गए हैं, जिसका पालन नहीं किया जा रहा है. इस पर प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा है.
निर्माण कार्य के लिए मुख्य नियम:
ऊंची टीन की दीवारें: निर्माण स्थल के चारों ओर ऊंची टीन की दीवार खड़ी करना
अनिवार्य है, ताकि धूल को रोका जा
सके.
एंटी स्मॉग गन: 5000 वर्ग मीटर या उससे अधिक के निर्माण स्थलों पर धूल को
नियंत्रित करने के लिए एंटी स्मॉग गन का उपयोग करना अनिवार्य है.
निर्माण सामग्री को ढकना: सभी निर्माण सामग्री, जैसे कि बालू, मिट्टी और अपशिष्ट को तिरपाल या नेट से ढक कर रखना चाहिए ताकि धूल न फैले.
पानी का छिड़काव: निर्माण स्थल पर धूल को नियंत्रित करने के लिए कच्ची सतह और
मिट्टी वाले क्षेत्र में लगातार पानी का छिड़काव करना चाहिए.
वाहनों की सफाई: निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को साफ रखना और उनकी सफाई
करना भी जरूरी है ताकि धूल न फैले.
निर्माण सामग्री का भंडारण: निर्माण सामग्री और ध्वस्तीकरण का मलबा चिह्नित
जगह पर ही डालना चाहिए और सड़क के किनारे उनका भंडारण नहीं करना चाहिए.
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