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Noida: धोखा हाईटेक, साजिश गहरी, साइबर ठगों ने बुजुर्ग महिला से की करोड़ों की लूट!

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नोएडा में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला के साथ साइबर ठगों ने बड़ी चालाकी से तीन करोड़ से ज्यादा की ठगी कर डाली। साइबर ठगों ने खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर महिला को डराया और कहा कि उनके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल हो रहा है। ठगों ने आरोप लगाया कि महिला के आधार से बैंक अकाउंट खोले गए हैं, जिनका इस्तेमाल जुए और अवैध हथियार खरीदने जैसे गैरकानूनी कामों में हो रहा है। इसके बाद उन्होंने महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ नाम का झांसा देकर धमकाया कि अगर वह पुलिस का साथ नहीं देंगी, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।


30 जून को महिला ने साइबर क्राइम थाने में दी शिकायत


इसके बाद डरी-सहमी महिला ने ठगों के कहे अनुसार अपनी मेहनत की कमाई से 3 करोड़ 29 लाख 70 हजार रुपये उनके बताए बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। जब महिला को बाद में समझ आया कि वह किसी फर्जीवाड़े का शिकार हुई हैं, तो उन्होंने 30 जून 2025 को साइबर क्राइम थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई।


4 जुलाई को तीन शातिर ठगों को पुलिस ने किया अरेस्ट


पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत जांच शुरू की। कुछ ही दिनों के भीतर यानी 4 जुलाई को साइबर क्राइम पुलिस ने इस मामले में तीन शातिर ठगों को पकड़ लिया। इनमें से दो को दिल्ली से और एक को नोएडा से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इस दौरान ठगी की रकम में से 17 लाख रुपये भी फ्रीज करवा दिए हैं, ताकि उसे अपराधी खर्च न कर सकें।


पूरी प्लानिंग के साथ रची गई साजिश


पुलिस की जांच में पता चला कि ठगों ने पूरी प्लानिंग के साथ यह साजिश रची थी। पूछताछ में पहले आरोपी दुपिन्दर सिंह उर्फ गिन्नी ने बताया कि उसने अपने बैंक खाते को आरोपी विनय को दे दिया था। इसी खाते में करीब 93 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे, जिसमें से दुपिन्दर को हर ट्रांजेक्शन का 15 प्रतिशत कमीशन मिलता था। यानी वो अपने खाते का इस्तेमाल ठगी में करवाकर पैसे कमाता था।


साइबर ठगों के लिए बैंक खातों का ‘डीलर’ बन चुका था विनय


दूसरे आरोपी विनय समानिया ने बताया कि वह और भी लोगों के बैंक खाते इसी तरह खरीदता और उन्हें आगे अपने दूसरे साथियों को दे देता था, जिसके बदले में वह 25 प्रतिशत तक का हिस्सा लेता था। यानी वह साइबर अपराधियों के लिए बैंक खातों का ‘डीलर’ बन चुका था।


तीसरे आरोपी ने 50 हजार में अपना खाता अन्य साथी को दिया


तीसरा आरोपी मंदीप सिंह है, जिसने अपना बैंक खाता सिर्फ 50 हजार रुपये में एक अन्य साथी को दे दिया था, और इसी खाते में 71 लाख रुपये की ठगी की रकम आई थी। पुलिस अब इस पूरे गैंग के अन्य साथियों की तलाश कर रही है और बाकी रकम को भी ट्रैक कर रही है।


अनजान कॉल पर कतई ना करें भरोसा


इस घटना से यह साफ है कि आज के दौर में साइबर ठग बेहद चालाक हो गए हैं और लोगों को डर और भ्रम में डालकर बड़ी-बड़ी रकम हड़प रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि कोई भी अनजान या धमकी देने वाले नंबर से आए कॉल पर भरोसा न करें। कोई भी सरकारी अधिकारी इस तरह से फोन पर गिरफ्तार करने की बात नहीं करता। सतर्क रहें और किसी भी संदेह की स्थिति में तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।

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