मासूम की मौत का जिम्मेदार कौन, किसकी लापरवाही से बुझा एक घर का चिराग, कौन तय करेगा जवाबदेही?

- Nownoida editor2
- 08 Jul, 2025
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की लापरवाही से छह साल के मासूम की मौत हो गई. अधिकारियों के ढीले ढाले रवैया के कारण एक परिवार का चिराग बुझ गया. आखिर 6 साल के बच्चे की मौत की जिम्मेवारी कौन लेगा, किसकी लापरवाही है. जब प्राधिकरण के सीईओ ने फव्वारे को भरने का ऑर्डर दिया तो आखिर भरा क्यों नहीं गया. क्या आदेश देने के बाद अधिकारी ने कभी इसकी सुध ली. कभी स्पॉट पर जाकर निरीक्षण किया, अगर किया होता तो आज कोई अपने जिगर के टुकड़े को नहीं खोता.
6 साल के बच्चे की मौत
दरअसल, सोमवार को सेक्टर पी- 3 के डी पार्क के फव्वारे में डूबने से एक छह साल के बच्चे की मौत हो गई है. मासूम एलकेजी का छात्र था, उसका नाम पृथ्वी है. पृथ्वी स्कूल से लौटने के बाद पार्क में खेल रहा था. बारिश के कारण फव्वारे में पानी भर गया था. फव्वारे के किनारे कोई बैरिकेडिंग या तारबंदी नहीं की गई है, जिससे बच्चों को वहां जाने से रोका जा सके. इसलिए पृथ्वी खेलते खेलत फव्वारे के पानी में चला गया. जहां पर वह डूब गया.
पार्क में गया था खेलन
पृथ्वी के पिता यहां पर एक फैक्ट्री में काम करते हैं और उसकी मां भी घरेलू सहायिका हैं. सेक्टर पी-3 के डी ब्लॉक में किराए के मकान में रहते हैं. पृथ्वी के पिता ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब दो बजे पृथ्वी स्कूल घर लौटा. उसने खाना खाया और खेलने के लिए डी पार्क चला गया. फव्वारे में जमा पानी में वह नहाने उतरा इस दौरान पैर फिसलने से वह गहरे पानी में डूब गया. पुलिस को घटना की सूचना दी गई, मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चे के शव को पानी से निकाला.
जांच के दिए आदेश
इधर घटना को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी गुंजा सिंह का कहना है कि घटना के कारणों की जांच कराई जा रही है. लापरवाही करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. भविष्य में घटना फिर न हो इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
जमीनी हकीकत क्या
बता दें कि तत्कालीन सीईओ नरेंद्र भूषण ने इस फव्वारे को भरने का निर्देश दिया था. यह फव्वारा पिछले सालों से बंद है. मौके पर नॉव नोएडा की टीम रियलिटी चेक करने पहुंची तो सच सामने आया. सालों से फव्वारे बंद हैं, सारे उपकरण खराब हो चुके हैं. पूरे इलाके में गंदगी और बारिश का पानी है. अधिकारी समय रहते अपनी जिम्मेदारी निभाते, सजग रहते, फव्वारे को भर दिया जाता तो शायद आज यह घटना नहीं होती.
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