नोएडा में आवारा-पालतू जानवरों का आतंक; एक साल में करीब डेढ़ लाख लोगों को कुत्ते-बिल्ली और बंदरों ने काटा

- Nownoida editor1
- 22 Jan, 2025
Noida: उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी गौतमबुद्ध नगर में पालतू जानवर हो रहे हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आवारा और पालतू कुत्ते के खरोचने व गंभीर रूप से काटने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। जिले में हर महीने करीब 12 हज़ार से ज्यादा लोगों को कुत्ते, बिल्ली, बंदर काट रहे हैं। पिछले साल जो आंकड़े सामने आए हैं, वह चौंकाने वाले हैं।
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, जिला अस्पताल डॉ. अमित कुमार ने बताया कि दिसंबर 2024 में 10 हजार से ज्यादा लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाए गए हैं। जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक 1,45,137 लोगों के एंटी रेबीज वैक्सीन लगी है. जिसमें आवारा/ पालतू कुत्तों के काटने के मामले सबसे ज्यादा थे। उन्होंने बताया कि जहां सबसे ज्यादा डॉग बाइट्स के मामले सामने आते हैं, उस जगह को हॉटस्पॉट चिन्हित करने में स्वास्थ्य विभाग जुटा है। हॉटस्पॉट को लेकर स्वास्थ्य विभाग, CVO और नोएडा अथॉरिटी मिलकर प्लान बनाएंगे। ताकि डॉग बाइट्स के मामलों के कमी आ सके।
कुत्ते-बिल्ली और बंदरों के काटने पर बरतें ये
सावधानियां
बता दें कि रेबीज (Rabies): कुत्तों के
काटने से रेबीज संक्रमण का खतरा होता है, जो एक घातक वायरल बीमारी है। कुत्ते
के दांतों से घाव में बैक्टीरिया संक्रमण हो सकता है। वहीं, गहरे घावों से टेटनस
का खतरा रहता है। ऐसे में कुत्ते के काटने के तुरंत बाद घाव को तुरंत साफ पानी और
साबुन से धोएं। डॉक्टर से संपर्क करें और एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाएं। टेटनस
इंजेक्शन लें यदि यह हाल ही में नहीं लिया है।
जबकि बिल्ली के
काटने या खरोंचने से बैक्टेरिया (Bartonella henselae) संक्रमण हो
सकता है। बिल्लियों के दांतों से घाव में बैक्टीरिया तेजी से फैल सकता है। ऐसे में
घाव को तुरंत धोएं और एंटीसेप्टिक लगाएं। डॉक्टर की सलाह लें और संक्रमण की रोकथाम
के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग करें।
वहीं, बंदर के
काटने से भी रेबीज का खतरा होता है। कुछ बंदर (जैसे मकाक) हर्पीस बी वायरस फैला सकते
हैं, जो मनुष्यों में घातक हो सकता है। घाव के माध्यम से
अन्य बैक्टीरियल संक्रमण हो सकते हैं। घाव को तुरंत साफ करें। एंटी-रेबीज वैक्सीन
और अन्य आवश्यक दवाओं के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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