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ISO सर्टिफिकेट और ब्रांडिंग के नाम पर ठगने वाले गिरोह का खुलासा, 6 गिरफ्तार, जानिए कैसे फंसाते थे क्लाइंट

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Greater Noida: ग्रेटर नोएडा पुलिस ने फर्जी आई आईएसओ सर्टिफिकेट और ब्रांडिंग के नाम पर कंपनियों को ठगने वाले गिरोह का खुलासा किया है. बिसरख थाना पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त 09 लेपटॉप, 1 टेबलेट (इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस), 08 मोबाइल फोन, फर्जी ISO सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं.

तीन लाख से अधिक की ठगी

आरोपियों ने तीन साल पहले सेक्टर- 63 में डिस्ट्रीब्यूटर्स चैनल भारत नाम से कंपनी बनाई थी. ये कंपनी मालिकों को उत्पादों की बिक्री बढ़ाने और अधिक मुनाफे का लालच देते थे. साथ ही फर्जी आईएसओ सर्टिफिकेट भी प्रदान करते थे. एक पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की. इन लोगों पर 3.28 लाख रुपए की ठगी की थी. पुलिस ने मयंक तिवारी, विकास शर्मा, प्रदीप कुमार यादव, अविनाश गिरी, प्रदीप यादव और केशव को गिरफ्तार किया है.

कंपनी को प्रमोशन का देते झांसा

ये लोग सोशल मीडिया मैनेजमेंट/सोशल मीडिया मार्केटिंग, फ्लिपकार्ट/अमेजन, लिस्टिंग, वेबसाइट डिजाइनिंग, बार कोड, ISO सर्टिफिकेशन, डोमेन बुकिंग, प्रोडक्ट प्रमोशन, वीडियो शूट आदि के माध्यम से ग्राहकों को लुभावने ऑफर देकर/विक्रेताओं, उत्पादक ,निर्माताओं को प्रलोभित कर फर्जी डाटा दिखाकर सामान को जल्दी बिकवाने और अधिक मुनाफा दिलाने के साथ प्रोडक्ट को आईएसओ सर्टिफाइड करवाने का झांसा देते थे.

फर्जी वेबसाइट के माध्यम से ठगी

वेबसाइट पर मौजूद विभिन्न आईएसओ सर्टिफिकेट देने वाली कंपनियों के प्रोफार्मा को डाउनलोड करके उस पर एडिटिंग करके मात्र एक दिन में कस्टमर को दस्तावेज उपलब्ध कराते थे और उसकी प्रमाणिकता साबित करने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाते थे. जब विक्रेता उनके साथ जुड़कर उन्हे निर्धारित धनराशि का भुगतान कर देता था तब वे उनसे सैंपल के रुप में कुछ सामान मंगाते थे, जिसे वो आपस में बांट लेते थे और विक्रेता को बता देते थे कि आपका सामान डिस्ट्रीब्यूटरों को सैंपल के रूप में भेज दिया गया है. जल्द ही डिस्ट्रीब्यूटर आपको बड़ा आर्डर प्रदान करेंगे.

हर स्टेप पर ठगते थे पैसे

जब उत्पादक उन लोगों को फोन करके डिस्ट्रीब्यूटरों के बारे में पूछता था तो वे उसे बताते थे कि आपका उत्पाद बहुत ही अच्छी क्वालिटी का है इसलिये इसे बड़े-बड़े सुपर मार्ट आदि में बिकना चाहिए जिसके लिये आपको मान्यता प्राप्त एजेंसी से सर्टिफाइड होना पड़ेगा. आमतौर पर उत्पादकों के पास इस प्रकार के प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं होते है, जिसके लिये अपराधी विदेशों की बडी-बडी कंपनियों के नाम बताकर एवं भारत सरकार से मान्यता प्राप्त संस्था बताकर उनसे उत्पादक की कम्पनी को प्रमाणित करवाने की बात कहकर प्रमाण पत्र के नाम पर और अधिक पैसा वसूल करते थे.

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