Greater Noida: 3.29 करोड़ की 'डिजिटल अरेस्ट' ठगी का पर्दाफाश, साइबर क्राइम थाना ने मास्टरमाइंड को 'पिंक सिटी' से पकड़ा

- Rishabh Chhabra
- 17 Jul, 2025
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर साइबर क्राइम थाना ने एक बड़ी और चौंकाने वाली साइबर ठगी का भंडाफोड़ किया है. 3.29 करोड़ रुपये की 'डिजिटल अरेस्ट' साइबर धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने विपुल नागर नामक शातिर अपराधी को जयपुर से गिरफ्तार किया है. ये गिरोह हाई-प्रोफाइल फर्जीवाड़े के जरिए लोगों को गिरफ्तारी का डर दिखाकर करोड़ों की ठगी कर रहा था.
3.29 करोड़ अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कराए
मामले की शुरुआत तब हुई जब एक वृद्ध महिला के लैंडलाइन नंबर पर कॉल आई और खुद को CBI अधिकारी बताने वाले एक व्यक्ति ने उन्हें बताया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल जुआ और अवैध हथियारों की खरीद में हो रहा है. आरोपी ने स्काइप कॉल पर महिला को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डिजिटल अरेस्ट कर लिया और सुप्रीम कोर्ट के फर्जी आदेश दिखाकर 3.29 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए.
गिरोह के कई सदस्य पहले से गिरफ्तार
30 जून 2025 को पीड़िता की शिकायत पर थाना साइबर क्राइम में मुकदमा दर्ज किया गया था. 16 जुलाई को, पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर जयपुर निवासी विपुल नागर को गिरफ्तार किया. पूछताछ में सामने आया कि विपुल ने अपना बैंक खाता अजीत नामक साथी को सौंप दिया था, जिसके जरिए ठगी की रकम ट्रांसफर की जाती थी. बदले में विपुल को कमीशन मिलता था. उसके खाते में करीब 63 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे. इससे पहले इस केस से जुड़े तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. पुलिस अब इस गिरोह की संगठित संरचना और विदेशी लिंक की भी जांच कर रही है.
पुलिस ने आम जनता को किया सचेत
अगर कोई कॉल कर खुद को CBI, ED या पुलिस अधिकारी बताकर स्काइप/Zoom पर वीडियो कॉल करे, आपको किसी केस में फंसाने की बात कहे और कोर्ट का हवाला दे – तो समझ जाइए आप साइबर अपराधी के जाल में हैं। डरें नहीं, तुरंत 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें.
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