Greater Noida के एसटीपी होंगे हाई-टेक, अब ऑनलाइन होगी हर बूंद की निगरानी
- Rishabh Chhabra
- 18 Jul, 2025
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहर के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को तकनीक से लैस कर रहा है। अब इन प्लांट्स की कार्यप्रणाली की निगरानी कंप्यूटर और मोबाइल के जरिए ऑफिस से ही की जा सकेगी। इसके लिए ऑनलाइन कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम (ओसीएमएस) लगाया जा रहा है। बादलपुर के एसटीपी के बाद अब ईकोटेक-2 और ईकोटेक-3 के प्लांट पर भी यह सिस्टम लगा दिया गया है। अब केवल कासना स्थित 137 एमएलडी क्षमता वाला एसटीपी बचा है, जहां एक महीने के भीतर ओसीएमएस लगाया जाएगा।
क्या है ओसीएमएस और क्यों जरूरी है?
नमामि गंगा परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश के सभी एसटीपी को ऑनलाइन मॉनिटरिंग से जोड़ा जा रहा है। इसका मकसद सीवर ट्रीटमेंट की पारदर्शी और रियल-टाइम निगरानी करना है। ओसीएमएस लगने के बाद सीवर शोधन से पहले और बाद में बीओडी, सीओडी समेत अन्य प्रदूषण मानकों की जानकारी सीधे मॉनिटरिंग स्क्रीन पर मिल जाएगी। यह जानकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) भी अपने ऑफिस से देख सकेंगे।
किन प्लांट्स पर हुआ काम और कितना खर्च आया?
ग्रेटर नोएडा में सबसे पहले बादलपुर के 2 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी पर ओसीएमएस लगाया गया। इसके बाद ईकोटेक-2 (15 एमएलडी) और ईकोटेक-3 (20 एमएलडी) के प्लांट्स पर भी इसे इंस्टॉल किया गया। अब केवल कासना का 137 एमएलडी का प्लांट बचा है, जहां अगले महीने तक काम पूरा होगा। एक एसटीपी पर ओसीएमएस लगाने में करीब 30 लाख रुपये का खर्च आता है, जो प्राधिकरण वहन कर रहा है।
कैसे होगा नियंत्रण और निगरानी?
ओसीएमएस लगने के बाद प्राधिकरण के सीवर विभाग के अधिकारी ऑफिस से ही सभी एसटीपी की निगरानी कर सकेंगे। इस सिस्टम से छह मोबाइल या लैपटॉप कनेक्ट होंगे। प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी, ठेकेदार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नमामि गंगे परियोजना से जुड़ी संस्थाएं भी मॉनिटरिंग कर पाएंगी।
ट्रीटेड पानी का इस्तेमाल और योजना
एसटीपी में शोधन के बाद जो पानी निकलता है, उसका उपयोग सिंचाई और निर्माण कार्यों में किया जा रहा है। एनटीपीसी भी बिजली उत्पादन के लिए इस पानी का उपयोग करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और एनटीपीसी के बीच बातचीत जारी है। आम लोग भी यह पानी ले सकते हैं। इसके लिए सीवर विभाग के मोबाइल नंबर 9211825118 पर संपर्क कर 7 रुपये प्रति किलोलीटर की दर से पानी प्राप्त किया जा सकता है।
एसीईओ ने मामले को लेकर कहा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ ने कहा, “सभी एसटीपी को ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस किया जा रहा है। इससे संचालन और गुणवत्ता पर निगरानी आसान होगी। साथ ही ट्रीटेड पानी का उपयोग सिंचाई और निर्माण में कर शहर को जल-संकट से बचाया जाएगा।”
एसटीपी की क्षमता एक नजर में
बादलपुर – 2 एमएलडी
ईकोटेक-2 – 15 एमएलडी
ईकोटेक-3 – 20 एमएलडी
कासना – 137 एमएलडी
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