योगी कैबिनेट का फैसला; जेवर एयरपोर्ट के पास एग्री एक्सपोर्ट हब की होगी स्थापना, पराग डेयरी होगी शिफ्ट
यूपी में एक्वाकल्चर और एग्री एक्सपोर्ट हब को सरकार की मंजूरी, किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ
यूपी सरकार के मंत्रि परिषद की बैठक में लिया गया फैसला
- Shiv Kumar
- 23 Jul, 2025
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 37 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें खासतौर पर दो बड़े प्रोजेक्ट 'एक्वाकल्चर परियोजना' और 'एग्री एक्सपोर्ट हब' को नीतिगत प्रोत्साहन देने का फैसला लिया गया। ये दोनों योजनाएं राज्य के किसानों, मत्स्य पालकों और निर्यातकों के लिए फायदेमंद साबित होंगी।
जेवर एयरपोर्ट के पास एग्री एक्सपोर्ट हब की होगी स्थापना
कैबिनेट ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास ‘एग्री एक्सपोर्ट हब’ के लिए भी नीति समर्थन को मंजूरी दी है। यह हब कर्नाटक की कंपनी ‘इनोवा फूड पार्क’ द्वारा विकसित किया जाएगा। यहां किसानों के उत्पादों की टेस्टिंग, प्रोसेसिंग और एक्सपोर्ट की पूरी व्यवस्था होगी। इसके लिए 50 एकड़ ज़मीन यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी द्वारा दी जाएगी। जिसमें 75% भूमि सब्सिडी, 50% पूंजी सब्सिडी निवेश के अनुपात, 2 वर्षों तक बिजली शुल्क में छूट और स्टांप शुल्क में 100% छूट दी जाएगी। यह हब मिडल ईस्ट, यूरोप, रूस जैसे देशों को कार्गो प्लेन से फल-सब्जियों और अन्य उत्पादों के निर्यात में मदद करेगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
नोएडा की पराग डेयरी होगी स्थानांतरित
कैबिनेट ने नोएडा सेक्टर-81 में स्थित पराग डेयरी की 4.62 हेक्टेयर ज़मीन को M/s RAPHE mPhibr Pvt. Ltd. को 101 करोड़ रुपये में बेचने का प्रस्ताव मंजूर किया है। यह कंपनी डिफेंस ड्रोन, इंजन और पेलोड जैसी उन्नत तकनीक विकसित करती है। RAPHE mPhibr को यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण में 10 एकड़ जमीन पर पराग डेयरी के लिए नया 4 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला प्लांट बनाना होगा। यह प्लांट 2 साल में पूरा करना होगा, वरना हर साल 5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना होगा। मौजूदा मशीनरी को शिफ्ट करने का खर्च भी RAPHE mPhibr उठाएगी। यह निर्णय नोएडा को डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में भी एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायक साबित होगा।
क्या है यूपीएग्रीज योजना?
उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल इंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग (यूपीएग्रीज) परियोजना एक छह साल की योजना है, जो 2024-25 से 2029-30 तक चलेगी। इसमें पूर्वांचल के 21 और बुंदेलखंड के 7 जिलों सहित कुल 28 जिलों में काम किया जाएगा। इस योजना में 70 फीसदी धन विश्व बैंक और 30% राज्य सरकार खर्च करेगी। इस योजना के तहत संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी ‘एक्वाब्रिज’ उत्तर प्रदेश में एक्वाकल्चर (मत्स्य पालन) आधारभूत ढांचे की स्थापना करेगी। इसके लिए कंपनी को सरकार की ओर से 75% भूमि सब्सिडी (लीज़ रेंट और प्रीमियम के साथ), औद्योगिक क्षेत्र 60 एकड़ ज़मीन, स्टांप शुल्क में 100% छूट, निवेश के बदले 25% पूंजी सब्सिडी, 2 साल तक बिजली शुल्क में छूट, निर्यात के लिए एयरपोर्ट या पोर्ट तक माल ले जाने पर 75% ट्रांसपोर्ट सब्सिडी दी जाएगी। इस परियोजना से यूपी में मत्स्य पालन को बढ़ावा मिलेगा, ‘फिंगरलिंग्स’ (मछली के बच्चे) का निर्यात संभव होगा और 4,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। साथ ही मिडल ईस्ट और अन्य देशों को मत्स्य उत्पाद भेजने के लिए बाय-बैक व्यवस्था बनेगी।
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