Ghaziabad: छांगुर बाबा कांड को लेकर गरजे लोनी विधायक, SWAT प्रभारी के नार्को टेस्ट की उठाई मांग, खोली पूरे नेटवर्क की पोल!

- Rishabh Chhabra
- 24 Jul, 2025
गाजियाबाद के लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने छांगुर बाबा प्रकरण में निलंबित SWAT प्रभारी अब्दुल रहमान सिद्दीकी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने गुरुवार को प्रेस से बात करते हुए कहा कि अब्दुल रहमान को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, उसका नार्को टेस्ट कराया जाए और उसके साथ-साथ पूरे नेटवर्क की गहन जांच की जाए।
विधायक ने आरोप लगाया कि यह केवल एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि इसमें एक पूरा संगठित सिंडिकेट शामिल है, जो लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे गंभीर मामलों में लिप्त रहा है। उन्होंने कहा कि अब्दुल रहमान सिद्दीकी लंबे समय से मेरठ और एनसीआर क्षेत्र में इस नेटवर्क को चला रहा था, और लोनी में अब भी उसके संपर्क सक्रिय हैं।
बेटियां आज भी न्याय की राह देख रहीं- विधायक
विधायक गुर्जर ने कहा कि गाजियाबाद की कई हिंदू बेटियां, जो इस नेटवर्क का शिकार बनीं, आज भी न्याय की प्रतीक्षा में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि छांगुर बाबा और उसके साथियों ने अरबों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित कर रखी है, जिसकी जांच जरूरी है।
उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि अब्दुल रहमान की पत्नी भी इस पूरे नेटवर्क में शामिल रही है और पूर्व पुलिस आयुक्त की मिलीभगत से उसे गैलेंट्री अवार्ड जैसे सम्मान के लिए नामित किया गया था। यह न केवल भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है बल्कि पुलिस प्रशासन की छवि पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।
पूरे गाजियाबाद में हो सर्च ऑपरेशन
विधायक ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि गाजियाबाद और खासकर लोनी क्षेत्र में व्यापक स्तर पर सर्च ऑपरेशन चलाया जाए, ताकि इस नेटवर्क की जड़ें पूरी तरह उखाड़ी जा सकें। उन्होंने कहा कि यह केवल कानून व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि समाज की सुरक्षा और नारी सम्मान से जुड़ा मामला है।
क्या है छांगुर बाबा प्रकरण?
छांगुर बाबा प्रकरण में पहले ही कई सनसनीखेज खुलासे हो चुके हैं। आरोप है कि धार्मिक आस्था की आड़ में अवैध गतिविधियों, धोखाधड़ी और युवतियों के शोषण जैसे गंभीर अपराध किए गए हैं। इसी केस से जुड़ी कड़ियों में SWAT प्रभारी रहमान सिद्दीकी की भूमिका भी शक के घेरे में है।
विधायक नंदकिशोर गुर्जर की मांग ने इस मामले को और गरमा दिया है। अब यह देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस पर कितना सख्त रुख अपनाता है और क्या गाजियाबाद में वाकई एक बड़े सर्च अभियान की शुरुआत होती है। जनता की नजरें अब शासन-प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।
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