साइबर ठगों ने रिटायर्ड प्रोफेसर से ठगे 2.89 करोड़ रुपये, 24 घंटे में 30 फीसदी मुनाफा का दिया था झांसा
- Nownoida editor1
- 25 Jul, 2025
Noida: नोएडा में एक और बुजुर्ग साइबर ठगों का शिकार हो गए। साइबर ठगों ने शेयर मार्केट में निवेश पर मोटा मनुफा का लालच देकर सेवानिवृत्त प्रोफेसर से 2.89 करोड़ रुपये ठग लिए। ठगी का अहसास होने पर रिटायर्ड प्रोफेसर ने एनसीआरपी पोर्टल के साथ साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
24 घंटे में 30 फीसदी मुनाफा का झांसा
सेक्टर-36 में रहने वाले रामकृष्ण शिवपुरी ने अपनी शिकायत में बताया कि 1 अप्रैल को उन्हें वाट्सएप पर मैसेज फिर फोन आया। फोन करने वाले अपना नाम कीर्ति सर्राफ बताया और कोलकाता स्थित एबोट वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी की फंड मैनेजर बताया। कीर्ति ने बताया कि उनकी कंपनी शेयर बाजार में निवेश करने वालों को 24 घंटे में 25 से 30 फीसदी मुनाफा दिलाती है। इसके बाद दो दिन तक कीर्ति अपनी कंपनी के बारे में बताया और एक वाट्सएप ग्रुप में जोड़ लिया।
मैनेजमेंट गुरू ने ग्रुप में दी ट्रेनिंग
रामकृष्ण ने बताया कि ग्रुप पर कथित मैनेजमेंट गुरू कृष्णा रथ नामक एक शख्स ने ट्रेनिंग दी। साथ ही एक एप पर रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद छोटी रकम निवेश कराई। एप में बढ़ती हुई रकम दिखाई जाने लगी, जिससे विश्वास जमने लगा। इसके बाद जालसाजों ने 21 से अधिक बार में कुल 2.89 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद जब पैसे निकालने की कोशिश की तो कई टैक्स जमा करने के लिए कहा। शुरुआत में कुछ रकम दिया लेकिन मांग लगातार बढ़ने लगी तब ठगी का अहसास हुआ।
90 लाख रुपये टैक्स मांगा
प्रोफेसर ने बताया कि जब 2.89 करोड़ की रकम को जमा किया तब एप पर काफी रकम दिखाई दे रही थी। इस पर पैसे निकालने के लिए फंड मैनेजर कीर्ति सर्राफ से बात की तब उसने कहा कि टैक्स के रूप में 90 लाख रुपये जमा कराना होगा। इतनी राशि देने से मना किया तब जालसाजों ने जान से मारने की धमकी दी और संपर्क तोड़ लिया। उन्होंने बताया कि साइबर ठगों ने पहले तो 24 घंटे में ही 30 फीसदी मुनाफे का झांसा दिया। इसके बाद विश्वास जीतने के लिए फर्जी एप पर 50 लाख रुपये ट्रांसफर करने का नाटक किया, जबकि यह रकम खाते में नहीं भेजे। जालसाजों ने उन्हें कंपनी की ओर से 35 लाख रुपये पुरस्कार राशि के रूप में भी देने का दावा किया था। यह रकम भी फर्जी एप पर दिखाई दिया, लेकिन मिला नहीं। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि वह धन के अभाव में पढ़ाई से वंचित छात्रों की आर्थिक मदद करना चाहते थे, लेकिन जालसाजों ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा।
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