Greater Noida में शराब माफियाओं की कमर टूटी! 13 टीमें कर रहीं ताबड़तोड़ चेकिंग, तस्करों में मची खलबली

- Rishabh Chhabra
- 25 Jul, 2025
ग्रेटर नोएडा में अवैध शराब की रोकथाम और अन्य राज्यों से आने वाली गैरकानूनी शराब पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए आबकारी विभाग, प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीमों ने एक विशेष अभियान चलाया है। लगातार चेकिंग और निगरानी के चलते इस बार न सिर्फ अवैध शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई, बल्कि शराब बिक्री के टारगेट से भी 35% अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।
हर बॉर्डर पर तैनात हैं टीमें, जिले में चौकसी बढ़ाई गई
जिले के सभी बॉर्डरों पर आबकारी विभाग और पुलिस की 6 टीमें तैनात की गई हैं, जो चौकसी में जुटी हैं। इसके अलावा जिले के अलग-अलग हिस्सों में 13 टीम लगातार चेकिंग अभियान चला रही हैं। इन टीमों का मुख्य उद्देश्य है कि दूसरे राज्यों की शराब को गैरकानूनी तरीके से जिले में न लाया जाए और अवैध बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।
अभियान का असर: रिकॉर्ड तोड़ राजस्व और जब्ती
अधिकारियों के अनुसार, इस तीन महीने के अभियान के दौरान 626 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जबकि लक्ष्य 605 करोड़ रुपये का रखा गया था। यानी अभियान के चलते टारगेट से 21 करोड़ रुपये ज्यादा कमाई हुई है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। पिछले साल की तुलना करें तो अवैध शराब की बरामदगी भी लगभग दोगुनी हुई है। जहां 2024 में लगभग 15,000 लीटर अवैध शराब पकड़ी गई थी, वहीं इस बार 2025 में 29,000 लीटर से ज्यादा शराब जब्त की गई है।
अभियान का असर ज़मीनी स्तर पर दिखा
प्रशासन के इस अभियान का असर ज़मीनी स्तर पर साफ दिखा है। शराब माफियाओं और तस्करों में हड़कंप मच गया है। बॉर्डर पर कड़ी निगरानी और जिले के भीतर निरंतर जांच के चलते अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगा है। इस मुहिम की कामयाबी के पीछे आबकारी विभाग की रणनीति, पुलिस की सतर्कता और प्रशासन की दृढ़ इच्छाशक्ति प्रमुख वजह रही है।
नागरिकों से सहयोग की अपील
प्रशासन ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि अवैध शराब बेचने या खरीदने वालों की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें। इससे ना केवल समाज में अपराध घटेगा, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी खतरा नहीं रहेगा।
सख्त अभियान से मिली बड़ी कामयाबी
गौतमबुद्ध नगर में चलाए जा रहे इस विशेष प्रवर्तन अभियान ने साबित कर दिया है कि अगर योजना बनाकर ईमानदारी से कार्रवाई की जाए, तो अवैध शराब जैसी गंभीर समस्याओं पर भी प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है। इससे न सिर्फ कानून-व्यवस्था बेहतर होती है, बल्कि सरकार के राजस्व में भी भारी बढ़ोतरी होती है।
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