Jewar में ज़मीन का गेमचेंजर सौदा: मुआवज़ा बढ़ा, किसान राज़ी, विकास रफ्तार पर!

- Rishabh Chhabra
- 30 Jul, 2025
जेवर अब केवल एयरपोर्ट के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत के सबसे बड़े औद्योगिक हब के रूप में तेजी से उभर रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEDA) ने जमीन अधिग्रहण की पुरानी प्रणाली को बदलते हुए अब किसानों से आपसी सहमति से जमीन लेना शुरू कर दिया है। इस नए मॉडल से विकास की रफ्तार और तेज हो गई है और किसान भी लाभ में हैं।
मुआवजा दर में बढ़ोतरी बनी गेमचेंजर
कुछ समय पहले तक यीडा किसानों से केवल 3100 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से जमीन ले रहा था। लेकिन दिसंबर 2024 में जेवर एयरपोर्ट परियोजना के तहत अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा बढ़ाकर 4300 रुपये प्रति वर्गमीटर कर दिया गया। इससे बाकी किसान भी जागरूक हो गए और उन्होंने भी ज्यादा मुआवजे की मांग की।
इस पर सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए यीडा की दरों को भी एयरपोर्ट वाली दरों के बराबर कर दिया। अप्रैल 2025 में बोर्ड बैठक में इस नई दर को मंजूरी दी गई। अब किसानों को दो विकल्प दिए गए हैं कि किसान पूरा मुआवजा 4300 रुपये प्रति वर्गमीटर पर लें, या फिर 3808 रुपये प्रति वर्गमीटर के साथ 7% विकसित भूखंड भी पाएं। ज्यादातर किसानों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
अब सहमति से हो रही है जमीन की खरीद
इस बदलाव के बाद यीडा अब जबरन अधिग्रहण की बजाय किसानों से सीधे सहमति के आधार पर जमीन खरीद रहा है। यह तरीका पहले की तुलना में ज्यादा तेज और सुविधाजनक साबित हो रहा है। प्रशासन को कानूनी जटिलताओं से राहत मिल रही है और किसान भी संतुष्ट हैं।
26 गांवों की जमीन पर बनेंगे नए सेक्टर
मास्टर प्लान 2041 के तहत यीडा ने जेवर क्षेत्र के 26 गांवों से करीब 3120 हेक्टेयर जमीन लेने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा है। इनमें रबूपुरा, आकलपुर, दस्तमपुर, फाजिलपुर, मुरादगढ़ी और थोरा जैसे गांव शामिल हैं। कलूपुरा, भीकनपुर, भुन्नातगा जैसे गांवों के किसानों ने जमीन देने के लिए सहमति दे दी है।
इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर भी तैयार
सेक्टर-10 में यीडा ने आकलपुर, म्याना और मकसूदपुर गांवों से 244 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित कर ली है। यहां पर इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जा रहा है। कंपनियों को प्लॉट दिए जा रहे हैं, जिससे हजारों युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है।
किसानों को मिला फायदा, जेवर को मिला भविष्य
यीडा का यह नया भूमि मॉडल ‘विन-विन’ स्थिति बन गया है जिससे किसान भी खुश हैं और औद्योगिक विकास भी तेजी से हो रहा है। सहमति के इस रास्ते से भूमि अधिग्रहण में विवाद नहीं हो रहे और जेवर तेजी से देश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में गिना जाने लगा है।
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