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दिल्ली मेट्रो बिगड़ी, येलो लाइन पर यात्रियों का हाहाकार, जानिए क्या टेक्निकल फॉल्ट आया ?

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Delhi : दिल्ली की धड़कन कही जाने वाली मेट्रो शुक्रवार को यात्रियों के लिए सिरदर्द बन गई। सुबह ऑफिस और कॉलेज जाने के समय येलो लाइन पर तकनीकी खराबी हुई, जिसकी वजह से हजारों यात्री घंटों तक फंसे रहे। विश्वविद्यालय से सेंट्रल सेक्रेट्रिएट के बीच मेट्रो परिचालन प्रभावित रहा और इसका असर पूरी लाइन पर पड़ा।

हौज खास और कालकाजी पर मचा हाहाकार

तकनीकी गड़बड़ी का सीधा असर इंटरचेंज स्टेशनों पर दिखा। हौज खास और कालकाजी मंदिर जैसे बड़े स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। प्लेटफॉर्म पर लोगों को खड़े होने की जगह तक नहीं बची। धक्कामुक्की और गर्मी से परेशान यात्री सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी जताते दिखे।

एक यात्री ने लिखा – येलो लाइन पर रोज़ का भरोसा आज मुसीबत बन गई। ट्रेनों के बीच इतना गैप था कि स्टेशन पर हालात बेकाबू हो गए।

डीएमआरसी ने दी सफाई

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने ट्वीट कर जानकारी दी कि येलो लाइन पर तकनीकी खराबी के कारण सेवाएं प्रभावित हुई हैं। डीएमआरसी ने यात्रियों से धैर्य रखने और वैकल्पिक रूट इस्तेमाल करने की अपील की। हालांकि, ऑफिस टाइम होने की वजह से पिंक और ब्लू लाइन पर भी भीड़ बढ़ गई।

क्यों होती हैं ऐसी तकनीकी खराबियां?

येलो लाइन दिल्ली मेट्रो की सबसे व्यस्त लाइनों में से एक है। यह कश्मीरी गेट से लेकर गुरुग्राम के हुडा सिटी सेंटर तक जाती है और रोज़ाना करीब 15–18 लाख यात्री इस रूट पर सफर करते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि : 

येलो लाइन के कई हिस्से 20 साल पुराने हो चुके हैं।
सिग्नलिंग सिस्टम और ओवरहेड वायरिंग समय-समय पर खराब हो जाते हैं।
भारी भीड़ और मौसम का असर (खासकर गर्मी और नमी) तकनीकी गड़बड़ियों को बढ़ाता है।
ऐसे में छोटी सी खराबी भी पूरे नेटवर्क पर बड़ा असर डाल देती है।

यात्रियों की नाराज़गी

तकनीकी खराबी ने यात्रियों को सोशल मीडिया पर भड़कने का मौका दे दिया। कई लोगों ने ट्वीट कर लिखा कि दिल्ली मेट्रो अब "कम्यूट नहीं, सर्वाइवल गेम" बन गई है। वहीं कुछ ने तस्वीरें शेयर करते हुए कहा कि स्टेशन पर भीड़ इतनी थी कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया।

कब तक सुधरेगी व्यवस्था?

डीएमआरसी का दावा है कि मरम्मत कार्य जल्द पूरा कर लिया गया और सेवाएं धीरे-धीरे सामान्य हो गईं। लेकिन सवाल अब भी यही है कि जिस मेट्रो पर दिल्ली और एनसीआर के लाखों लोग निर्भर हैं, वहां ऐसी तकनीकी समस्याएं बार-बार क्यों सामने आती हैं?
यह घटना फिर साबित कर गई कि स्मार्ट सिटी के सपने के लिए मेट्रो का सुरक्षित, निर्बाध और समय पर संचालन जरूरी है। क्योंकि जब मेट्रो रुकती है, तो पूरा दिल्ली-एनसीआर थम जाता है।

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