गाजियाबाद के लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर, क्यों हुए अधिकारियों के खिलाफ लामबंद, नाऊ नोएडा ने सबकुछ बताया, पढ़ें Super Exclusive

- Nownoida editor3
- 08 Feb, 2025
गाजियाबाद से बीजेपी के लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर एक सरकारी फरमान के खिलाफ सड़कों पर उतर पड़े हैं. गाजियाबाद में साप्ताहिक बाजार हटाए जाने का नंद किशोर गुर्जर ने जमकर विरोध किया. इस दौरान उन्होंने खुद भी सब्जी बेची. आखिरकार लोनी विधायक की गरीबों के लिए की गई ये कवायद काम आ ही गई और चीफ सेक्रेटरी ने साप्ताहिक बाजार ना लगाए जाने के आदेश को रद्द कर दिया. वहीं लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर की इस बड़ी जीत पर नाऊ नोएडा ने उनसे खास बात की-
"आरोपी अधिकारियों को निलंबित करें, कार्रवाई करें"
लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि देखिए पहले व्यवस्था करना चाहिए.अगर आप किसी को व्यवस्था नहीं दे सकते तो उसे उजाड़ने का काम नहीं कर सकते. लोकतंत्र का मतलब यही होता है. ये तानाशाही नहीं है. सारे विभाग को बुलाकर के योजना बनी थी. हम इनको यहां उसी कालोनी में बाजार लगेगा. सरकार को व्यवस्था देनी चाहिए. ये कोई मतलब नहीं है कि आदेश आ गया है. आपको कोई अधिकारी नहीं था. चीफ सेक्रेटरी कह रहे हैं कि पुलिस को अधिकार नहीं है. ये कहने से काम नहीं चलेगा. ये जब तक उनको इनके साथ इन्वॉल्व माना जाएगा, जब तक इनको बर्खास्त नहीं किया जाएगा. पहले निलंबित करें, बर्खास्त करें, विभागीय कार्रवाई करें और कमिश्नर को हिंडन नदी में डूब के मर जाना चाहिए कि ऐसा फैसला लिया है. अगर वो जाम की बात कर रहे हैं तो हम भी जाम के खिलाफ हैं. हम लोनी में जाम खुलवा के आए हैं. पूरा लालकुंआ दो घंटे तक जाम रहता है. पूरा घंटाघर, चौधरी रोड, हापुड़ रोड, राजनगर एक्सटेंशन, मोहन नगर, लोनी तिराहा, इंदिरापुरी और पूरे लोनी में जाम रहता है. पुलिस केवल पैसे लेने के लिए साइड में खड़ी रहती है. अगर इनको थोड़ी भी शर्म लिहाज हो, तो वो जाम खुलवाएं, पुलिसिंग करें. रोज मर्डर हो रहे हैं, डकैतियां पड़ रही हैं, चैन स्नैचिंग हो रही है, बाइक चोरी हो रही हैं उन पर ध्यान नहीं है. क्राइम से ध्यान हटाने के लिए कंपनियों से मिलकर, जो कंपनियां ऑनलाइन सब्जियां बेचती हैं उनसे मोटा पैसा लिया गया और दिल्ली चुनाव में भाजपा हार जाए ये षड्यंत्र किया. वो मुद्दा बना हमको बहुत मेहनत करनी पड़ी. इसलिए चीफ सेक्रेटरी अगर वास्तव में ईमानदार हैं वो जो अपनी बात कह कर गए हैं, जब उन्हें मालूम है कि इनको अधिकार नहीं था तो इन पर कार्रवाई करनी चाहिए. तब हम मानेंगे कि चीफ सेक्रेटरी वास्तव में ईमानदार हैं. जी बिल्कुल धन उगाही करते हैं, सबको पता है. तमाम उदाहरण हैं. हमने कहा भी था कि आज 3 बजे बाजार लगेगी और अगर रोका गया, तो 10 लाख लोग कमिश्नर के घर में घुसकर सब्जी बेचने का काम करते.
हम हर बदमाश के खिलाफ- लोनी विधायक
लोनी विधायक ने मुस्लिम विरोधी होने के मुद्दे को लेकर कहा कि हम हर बदमाश के खिलाफ है. हम गाय काटने वाले के खिलाफ, बलात्कारी, डकैत के सबके खिलाफ हैं. चाहें वो किसी भी धर्म और जाति का हो सबके खिलाफ हैं, बेईमान के. गरीब आदमी का कोई धर्म जाति नहीं है. वो रोजी-रोटी कमा रहा है आलू बेच रहा है. उसमें क्या मुस्लिम है. हमें भी कुछ लोगों ने कहा कि इसमें तो मुस्लिम भी है. इसका क्या मतलब है, अगर कोई मुस्लिम गरीब आदमी गाय पाल रहा है, आलू बेच रहा है, गुजारा कर रहा है. तो प्रधानमंत्री जी भेदभाव करते हैं क्या मुस्लिम- हिंदू में. वो सबके लिए मकान दे रहे हैं, सबको लोन दिया उन्होंने. ये सब बेकार की बातें हैं. हम हर गरीब के साथ हैं. हदीस में मोहम्मद साहब ने साफ कहा है अपनी बेगम आयशा को गाय की तरफ इशारा करते हुए कि गाय का दूध शिफा है. इसलिए इसकी रक्षा करो, गाय की रक्षा होनी चाहिए लेकिन जो व्यापार के लिए, कोई कसाई. एक दो कसाई क्या पूरे मुसलमान समाज को बदनाम करेंगे, मैं उनके खिलाफ हूं. मैं किसी गरीब के खिलाफ नहीं हूं.
"केजरीवाल की जमानत जब्त हो जानी चाहिए"
केजरीवाल की दिल्ली में हुई हार को लेकर लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि पहली बात तो ये है कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस बार अपील की थी और केजरीवाल का झूठ लोगों ने देखा. सबसे बड़ी बात थी कि वो राष्ट्र के खिलाफ हमेशा बोलते रहे. हमारी फौज के खिलाफ बोले और तमाम ऐसे काम किए लगातार झूठ बोलते रहे. किसी को कुछ दिया नहीं. मैं मकान नहीं बनवाऊंगा, महल बना लिया. गाड़ी नहीं लूंगा, गाड़ी ले ली. सिक्योरिटी नहीं लूंगा, तो लोगों को लगा कि ये तो ठग है. केजरीवाल की हार तो कम से हुई है. जमानत जब्त हो जानी चाहिए ऐसे लोगों की.
"मुख्यमंत्री जी करेंगे अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई"
लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने आगे कहा कि हमारी लड़ाई किससे है, कोई लड़ाई नहीं है. हम तो जब आदेश हो गया अपना बाजार लगा रहे है. ये गरीब लोग मैनें कई माताओं को देखा रोते हुए, कई रोती हुईं आईं उन्होंने कहा कि शाम के खाने के पैसे नहीं हैं. मतलब कुछ सामान नहीं है, फिर हम लोगों ने कुछ को राशन दिया, कुछ को पैसे दिए. ये लोनी की हालत थी. पूरे गाजियाबाद के अंदर अगर लोग भूख से मर जाते तो माननीय मोदी जी जैसे प्रधानमंत्री के लिए जो अनाज फ्री दे रहे हैं, गरीब के इलाज के लिए 5 लाख दे रहे हैं, मकान दे रहे हैं, लोन दे रहे हैं, उनके लिए मैं ये समझता हूं कि बहुत बड़ा पाप हो जाता देश में और हम लोग अपने आप को माफ नहीं कर पाते. इसलिए हम आभारी हैं कि कहीं ना कहीं माननीय मुख्यमंत्री जी ने संज्ञान लिया है और इन अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे.
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