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मनी लॉन्ड्रिंग; बिल्डर WTC और भूटानी ग्रुप के ठिकानों पर ED रेड, जानिए कैसे घर खरीदारों को चूना लगाया?

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भूटानी ग्रुप का नाम आधुनिक कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स के लिए जाना जाता है। जांच में भूटानी ग्रुप और डब्ल्यूटीसी के बीच बड़े लेनदेन के सबूत मिले हैं।
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दो रियल एस्टेट कंपनियों पर बड़ा एक्शन लिया है। ईडी ने WTC बिल्डर और भूटानी ग्रुप से जुड़े 12 ठिकानों पर छापेमारी की है। ईडी ने घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत छापे मारी की।  ईडी ने डब्ल्यूटीसी बिल्डर, उसके प्रवर्तक आशीष भल्ला और भूटानी समूह सहित अन्य के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर के बाद गुरुवार को छापेमारी करते हुए अहम दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल फोन, डेस्कटॉप जब्त किया और बैंक खातों की भी जानकारी ली।  

1,000 करोड़ रुपये से अधिक फ्रॉड

आरोप है कि डब्ल्यूटीसी बिल्डर ने निवेशकों से 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई, लेकिन पिछले 10-12 वर्षों में परियोजनाएं पूरी नहीं की है। ईडी की टीम ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चल रही जांच के सिलसिले में दिल्ली, नोएडा, लखनऊ, फरीदाबाद और गुरुग्राम में आरोपियों के ठिकानों पर छापे मारे।   ईडी टीम ने लखनऊ में शहीद पथ स्थित भूटानी प्रोजेक्ट के ठिकानों पर तलाशी ली। नोएडा के सेक्टर-90 स्थित बिल्डर के दफ्तर, सेल्स और कॉर्पोरेट ऑफिस पर कार्रवाई की।  मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यह जांच फरीदाबाद पुलिस और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में डब्ल्यूटीसी बिल्डर, भल्ला और भूटानी समूह के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आधारित है।


भूटानी ग्रुप की 74 से अधिक परियोजनाएं
बता दें कि भूटानी ग्रुप प्रोजेक्ट्स देश की बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में शुमार है। कंपनी अब तक 90 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा निर्माण कर चुकी है और 74 से अधिक परियोजनाएं चल रही हैं। भूटानी ग्रुप का नाम आधुनिक कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स के लिए जाना जाता है। जांच में भूटानी ग्रुप और डब्ल्यूटीसी के बीच बड़े लेनदेन के सबूत मिले हैं। यह भी सामने आया है कि भूटानी ग्रुप डब्ल्यूटीसी को टेकओवर कर रहा था। पिछले दिनों भूटानी ग्रुप ने सेक्टर-32 में लॉजिक्स ग्रुप के सिटी सेंटर मॉल को टेकओवर किया था। ऐसा पहली बार नहीं है कि भूटानी ग्रुप पर छापा मारा गया हो। पिछले साल जनवरी में आयकर विभाग ने छापा मारा था। इस दौरान कैश में संपत्तियों के खरीद-फरोख्त के इनपुट सामने आए थे और 700-1000 करोड़ के लेनदेन की पड़ताल भी की गई थी।  

कई प्रोजेक्ट्स अधूरे, निवेशकों के पैसे फंसे
दरअसल, दोनों ग्रुप के कई शहरों में प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। इन में से कई प्रोजेक्ट्स अधूरे हैं और इन्वेस्टर्स के पैसे फंसे हुए हैं। डब्ल्यूटीसी बिल्डर की तरफ से फरीदाबाद के सेक्टर-111 और 114 में लगभग 110 एकड़ जमीन पर प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए हैं। जिसमें प्लॉट बुकिंग के नाम पर पैसे लिए गए, लगभग 2 हजार निवेशकों से 500 एकडड़ रुपये से ज्यादा की राशि ली गई है। लेकिन प्लॉट उन्हें हैंडओवर नहीं किया गया है।

 

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