https://nownoida.com/uploads/images/ads/head2.jpg

Now Noida की खबर का बड़ा असर, अजनारा सोसाइटी की खबर का लिया NGT ने संज्ञान, दिया ये बड़ा आदेश

top-news
https://nownoida.com/uploads/images/ads/head1.png

नाउ नोएडा को खबर का बड़ा असर देखने को मिला है. दरअसल अजनारा होम्स सोसायटी में गंदगी को लेकर खबर चलाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हरकत में आ गया है. जिसके बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सोसाइटी के मैंटेन्स डिपार्टमेंट को नोटिस जारी कर दिया है. साथ ही एक सप्ताह में इसके लिए ज़िम्मेदार कर्मियों पर कार्यवाही करने को कहा गया है और एसटीपी से निस्तारण किये जा रहे उत्प्रवाह का एक नमूना एकत्र करके क्षेत्रीय कार्यालय में विश्लेषण के लिए जमा करने को कहा गया है।

2 मार्च को की गई थी शिकायत 

इस मामले को लेकर 2 मार्च 2025 को परियोजना से जनित होस अपशिष्ट का उचित निस्तारण न किये जाने, डी०जी० सेट को डीजल से संचालित किये जाने एवं एसटीपी का सुधार संचालन किये जाने सम्बन्धी शिकायत की गयी है। तत्क्रम में परियोजना कर निरीक्षण इस कार्यालय द्वारा 03.03.2025 को किया गया। निरीक्षण के समय एसटीपी निगाहों रहे प्रवाह एक नमूना कर विश्लेषण हेतु क्षेत्रीय कार्यालय गाजियाबाद की प्रगशाला में जमा किया गया है। निरीक्षण के समय परियोजना में स्थापित 02 ची०जी० सेट्स से सम्बद्ध चिमनी की चाई मानकों के अनुरूप धायी गयी, किन्तु के०पी०ए० का डीजी सेंट को सीएम के निर्देश 76 के अनुपालन में ड्यूल फ्यूल में परिवर्तित आईसीडी की स्थापना नहीं की गयी है। परियोजना में ठोस अपशिष्ट के उचित निस्तारण में किये आने के दूषित ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 1,00,800/- का जुर्माना दिनांक 01.03.2025 को लगाया गया है। कार्यालय अभिलेखों के अनुसार उका परियोजना को राज्य बोर्ड से संजनार्थ सहजता प्राप्त नहीं है जो कि जल (प्रदूषण निवारण तमा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु प्रदूषम निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1901 में वर्णित प्राकितनों का उस्संचन दर्शाता है।

जारी किया गया ये निर्देश 

इसके साथ ही निर्देशित किया गया है कि पत्र प्राप्ति के एक सफाई के भीतर उक्त कमियों पर आवश्यक कार्यवाही करते हुये साक्ष्य सहित अनुपालन आख्या इस कार्यालयको प्रेषित करें। अन्यया की स्थिति में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 (यथासंशोधिमा में वर्णित प्राविधानों के अन्तर्गत परियोजना के विरुद्ध नियमानुसार पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति (Environmental Compensation) अधिरोपित करते हुये संदर्भित अधिनियमों के अन्तर्गत कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जायेगी, जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व स्वयं परियोजना एवं परियोजना के उत्तरदायी पदाधिकारियों न होगा।

https://nownoida.com/uploads/images/ads/head1.png

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *