Noida: बिल्डरों एक और खेल पर रेरा ने शिकंजा कस दिया है। अब आसानी से बिल्डर अपने फंसे हुए प्रोजेक्ट को सरेंडर नहीं कर पाएंगे। इसके लिए रेरा की तरफ से नियम कड़े कर दिये गये हैं। दरअसल, जिस भी प्रोजेक्ट में 10 फीसदी फ्लैट की बुकिंग हो चुकी है और वो प्रोजेक्ट को सरेंडर करना चाहते हैं तो उनके आवेदन को रेरा स्वीकार नहीं करेगा। ऐसे बिल्डर के आवेदन को पोर्टल पर ही रिजेक्ट कर दिया जाएगा।

इसलिए नियम में बदलाव

रेरा में एक के बाद एक प्रोजेक्ट को सरेंडर करने के लिए भारी आवेदन बिल्डर की तरफ से किये जा रहे थे। उसमें भी कई प्रोजेक्ट के सरेंडर की स्वीकृति भी मिल गई है। कई बिल्डरों ने वाजिब कारणों से ही अपने प्रोजेक्ट को सरेंडर किया है लेकिन कई ऐसे भी बिल्डर हैं जो फ्लैट की बुकिंग से पैसा कमाने के बाद सरेंडर करने का आवेदन रेरा में कर रखा है। इसके पीछे कारण ये भी है कि रेरा ने इसके लिए कोई ठोस नियम नहीं तैयार किया था।

अब नहीं चलेगी मनमानी

रेरा ने इस तरह की मामलों में गंभीरता दिखाया है और उन बिल्डरों को सबक सिखाने का भी मन बना लिया है जो सिर्फ अपनी जेब भरकर खरीददारों को अधर में छोड़कर भागना चाहते हैं। मानलो किसी प्रोजेक्ट में कुल मिलाकर तीन हजार फ्लैट्स हैं और उसमें तीन सौ फ्लैट की बुकिंग हो चुकी है अब वो बिल्डर अपने प्रोजेक्ट को सरेंडर करना चाहता है तो ऐसे बिल्डर के रास्ते को बंद करने की रेरा ने तैयारी कर ली है।

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