किसान संगठनों ने दिल्ली कूच की नई रणनीति बनाई है। इसके मुताबिक पंजाब और हरियाणा को छोड़कर देश के बाकी राज्यों के किसान छह मार्च को दिल्ली कूच करेंगे। वहीं 10 मार्च को रेल रोको आंदोलन किया जाएगा। बता दें कि 13 फरवरी से किसान संगठन पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू और खनौरी में डटे हैं।

दरअसल, पंजाब के बठिंडा जिले के गांव बल्लों में युवा किसान शुभकरण सिंह का भोग समागम रविवार को हुआ। इसमें देशभर से अलग-अलग किसान संगठनों के नेता पहुंचे। किसानों ने शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि दी। किसान संगठनों ने बड़ा एलान किया। छह मार्च को पंजाब और हरियाणा को छोड़कर देश के बाकी राज्यों के किसान दिल्ली कूच करेंगे। वहीं 10 मार्च को पूरे देश में चार घंटे किसान ‘रेल रोको’ आंदोलन करेंगे। 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान महापंचायत होगी।

किसान नेता की चेतावनी
किसान नेता पंढेर के मुताबिक, दूर-दराज के राज्यों के किसान, जो ट्रैक्टर ट्रॉली पर नहीं पहुंच सकते, उन्हें ट्रेनों और ट्रांसपोर्ट के अन्य साधनों से दिल्ली पहुंचना चाहिए. इससे यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि क्या सरकार उन किसानों को प्रवेश की अनुमति देती है, जो बिना ट्रैक्टर ट्रॉली के जाते हैं. उन्होंने कहा कि शंभू और खनौरी में आंदोलन पहले की तरह की जारी रहेगा, इसे आंदोलन को और भी ज्यादा तेज किया जाएगा.

किसान नेता ने आगे कहा कि इस आंदोलन को देशव्यापी फैलाने के लिए यूनियनों ने देश भर के किसानों और मजदूरों से 6 मार्च को दिल्ली पहुंचने और 10 मार्च को देशभर में ट्रेन रोकने की अपील की जाएगी. कहा जा रहा है कि इस आंदोलन में शामिल होने के लिए ज्यादा तर पंजाब और हिरयाणा से किसान आ रहे हैं. खासतौर पर हरियाणा के किसान दिल्ली के रास्ते पर है.

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