हाई पावर कमेटी के संबंध में किसान सभा एवं किसान परिषद का प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को डीएम गौतम बुध नगर से मुलाकात की। जिसमें किसान परिषद ने 10% प्लाट के मुद्दे को लेकर आंदोलन की बात की।

‘कमेटी को मिला था 3 महीने का समय, लेकिन नहीं हुई सुनवाई’

किसान सभा ने ग्राम साधोपुर में आबादियों के लीजबैक की कार्रवाई के लिए कैंप का आयोजन करवाया। इसी साल 21 फरवरी को राजस्व परिषद के अध्यक्ष रजनीश दुबे की अध्यक्षता में गौतम बुद्ध नगर के अधिग्रहण प्रभावित किसानों के संबंध में मुख्यमंत्री ने सिफारिश देने के के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया था। कमेटी को अपनी रिपोर्ट तीन माह के अंदर देनी थी। लेकिन कमेटी अपनी निर्धारित समय सीमा से 3 महीने से अधिक की देरी से चल रही है। इस दौरान कमेटी ने कई बार सुनवाई कर किसानों एवं प्राधिकरण का पक्ष जाना।

‘किसानों के लिए 10% का मुद्दा सबसे बड़ा’

किसान सभा किसान परिषद ‘जय जवान जय किसान’ संगठन ने पूरे दस्तावेजों के साथ सुनवाई में हिस्सा लिया एवं सबूतों को भी जमा किया। गौरतलब है कि अधिग्रहण प्रभावित गौतम बुद्ध नगर में स्थित नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के किसानों के लिए 10% का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा है। गजराज सिंह और अन्य के मामले में माननीय हाईकोर्ट ने 471 याचिका कर्ताओं को 10% प्लाट देने का आदेश दिए थे। अन्य समान रूप से प्रभावित किसानों को भी 10% प्लाट देने के संबंध में प्राधिकरण को संविधान की धारा 14 के अंतर्गत समानता के आधार पर निर्णय लेने के लिए कहा था।

‘10% प्लाट की सिफारिश को डास दिया ठंडे बस्ते में’

इस संबंध में गैर याचिकाकर्ता किसानों को प्लाट देने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय ने निर्णय प्राधिकरण के स्तर पर छोड़ दिया था। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के तुरंत बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने ठाकुर जयवीर सिंह की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने समान रूप से प्रभावित सभी किसानों को अतिरिक्त 64% मुआवजा और 10% प्लाट देने की सिफारिश की थी। जिसे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण ने लागू कर दिया। लेकिन 10% प्लाट की सिफारिश को ठंडा बस्ती में डाल दिया था।

‘आंदोलन के बाद हुआ था कमेटी का गठन’

ग्रेटर नोएडा के किसानों द्वारा 2016 में आंदोलन करने के परिणाम में प्राधिकरण ने बोर्ड बैठक से प्रस्ताव पास कर शासन के अनुमोदन के लिए भेज दिया। जिसे शासन ने 2016 में ही खारिज कर दिया। पिछले साल किसान सभा के नेतृत्व में हजारों किसानों ने लगातार धरना प्रदर्शन कर 10% प्लाट के संबंध में समझौता संपन्न किया। जिसमें प्राधिकरण ने प्लाट देने के संबंध में पुनः प्रस्ताव पास कर शासन के अनुमोदन के लिए प्रेषित कर दिया। आंदोलन के दूसरे चरण में किसान सभा एवं किसान परिषद ने मिलकर दिल्ली मार्च का कार्यक्रम रखा। जिसके परिणाम में 21 फरवरी को हाई पावर कमेटी का गठन हुआ।

31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं कमेटी के अध्यक्ष

कमेटी को किसानों की आबादिया, नए अधिकरण कानून को लागू करने, 10% प्लाट देने के संबंध में उक्त कमेटी को अपने सिफारिशें मुख्यमंत्री को देनी है, जिसके आधार पर प्राधिकरण को उक्त समस्याओं का समाधान करना है। इसी संबंध में किसान सभा और किसान परिषद का प्रतिनिधिमंडल ने डीएम गौतम बुध नगर से मिलकर पूछा कि कमेटी की सिफारिशें कब तक सरकार को चली जाएगी। डीएम गौतम बुध नगर ने अवगत कराया कि हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष रजनीश दुबे 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। 31 अगस्त तक ही कमेटी अपनी सिफारिशें मुख्यमंत्री को प्रेषित कर देगी। दो-चार दिन में मुख्यमंत्री को सिफारिशें मिल जाएंगी, तब तक दस्तावेज और सिफारिशें गोपनीय है।

डेढ़ लाख से ज्यादा परिवार प्रभावित

किसान सभा, किसान परिषद, जय जवान जय किसान संगठन लगातार इस संबंध में कमेटी के समक्ष एवं अन्य राजनीतिक व्यक्तियों से किसानों के पक्ष में सिफारिशें देने की पैरवी  करते रहे हैं। साथ ही 3 जुलाई को हजारों की संख्या में इस संबंध में एक दिन का धरना प्रदर्शन कलेक्ट्रेट पर कर चुके हैं। किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि 10% का मुद्दा किसानों का सबसे बड़ा मुद्दा है अकेले ग्रेटर नोएडा में 21000 की संख्या में 10% प्लांट दिए जाने हैं। जिससे लगभग डेढ़ लाख से अधिक परिवार प्रभावित हैं।

‘10% प्लाट देने की घोषणा नहीं की तो शांति संभव नहीं’

इसी प्रकार नोएडा एवं यमुना की संख्या जोड़ ली जाए तो 3 लाख से अधिक किसान सीधे-सीधे 10% के प्लाट के लाभ से प्रभावित हैं। अगर 10% के मुद्दे पर सिफारिश किसानों के विरुद्ध दी गई, तो किस जबरदस्त आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि हम डीएम महोदय को अवगत करा चुके हैं कि यदि सिफारिशें हमारे विरुद्ध दी गई और सरकार ने 10% प्लाट देने की घोषणा नहीं की तो गौतम बुद्ध नगर में शांति संभव नहीं है। प्रतिनिधिमंडल में मिलने वालों में किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नगर महासचिव जगबीर नंबरदार सचिव सुरेश यादव शिशांत भाटी निशांत रावल उदल आर्य सुशील सुनपुरा उपस्थित रहे।

किसान सभा कर रहा है लीजबैक कैंप का आयोजन

किसान सभा के समझौते के अनुसार प्राधिकरण गांव-गांव में 6% प्लाट की पात्रता तय करने के संबंध में एवं आबादियों की लीजबैक के लिए कैंप का आयोजन कर रहा है। इसी सिलसिले में गांव सादोपुर में एसडीएम रामनयन के नेतृत्व में कैंप का आयोजन किया गया। जहां पर किसानों ने अपनी लीजबैक हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये कैंप किसानों के लीज प्लान दाखिल खारिज और मुआवजे की फाइलें दाखिल की गई। किसान सभा के महासचिव जगबीर नंबरदार ने कहा कि कैंप के आयोजन के पीछे मकसद किसानों द्वारा अपनी लीजबैक के लिए वर्षों तक प्राधिकरण के चक्कर लगाए जाने से मुक्त करने का है जिससे कि एक ही जगह पूरी करवाई संपन्न हो सके और किसानों की आबादी उनके पक्ष में लीज बैक करवाई जा सके।

क्या है किसान सभा का मकसद?

किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि किसान सभा का मकसद 16 सितंबर 2023 को प्राधिकरण के साथ 21 मुद्दों पर हुए समझौते को पूरी तरह जमीन पर उतारने का है। इस सिलसिले में तिलपता बायपास रोड बादलपुर रोड भूमिहीनों के लिए वेंडिंग जोन में दुकान में आरक्षण के अनुसार आवंटन, नौजवानों के लिए रोजगार 6% की पात्रता नए कानून को लागू किया जाना सर्किल रेट का रिवीजन आबादियों के शेष प्रकरणों को निस्तारित करने 10% प्लाट देने के मुद्दे प्रमुख हैं।

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