Noida: एक तरफ जहां नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में लंबे समय से तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर पर बवाल मचा है। इन तीनों प्राधिकरण में तैनात कई ऐसे अधिकारी और कर्मचारी हैं, जो ट्रांसफर के आदेश के बाद यहां जमे हैं और अब शासन ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगातार सस्पेंशन की कार्रवाई कर रहा है। वहीं नोएडा प्राधिकरण में कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जिन पर लगता है, शासन खास मेहरबान है। 30 सितंबर को उप महाप्रबंधक सिविल एसपी सिंह को प्रमोट कर महाप्रबंधक बनाया गया था। सूत्रों की मानें तो SP सिंह के प्रमोशन के बाद यमुना प्राधिकरण भेजा जा रहा था। लेकिन 3 अक्टूबर को शासन की ओर से लेटर जारी कर एसपी सिंह को नोएडा प्राधिकरण में ही महाप्रबंधक सिविल के पद पर तैनाती दी गई। तीन दिन के ही अंदर आदेश वापस होने पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि एसपी सिंह ने अपने पावर का इस्तेमाल कर रातों-रात अपना आदेश शासन से बदलवा लिया।

ट्रांसफर के बीच मिली अहम जिम्मेदारी


बता दें कि एसपी सिंह स्वास्थ और ट्रैफिक सेल देख रहे हैं। 30 सितंबर को ही इनका प्रमोशन महाप्रबंधक के पद पर हुआ है। इसी वजह से इनका तबादला होना तय माना जा रहा था। सूत्रों की माने तो शासन से यमुना प्राधिकरण भेजे जाने का आदेश आने ही वाला था। इससे पहले ही एसपी सिंह ने नोएडा प्राधिकरण में बने रहने का आदेश शासन से करवा लिया। प्राधिकरण गलियारों में चर्चा है कि एसपी सिंह की पहुंच लखनऊ में मज़बूत है। जिसकी वजह से एसपी सिंह सालों से नोएडा प्राधिकरण के महत्वपूर्ण पदों पर तैनात हैं। तत्कालीन रितु माहेश्वरी के समय भी एसपी सिंह यहीं पद पर तैनात थे। अब लोकेश एम के समय भी नोएडा प्राधिकरण में तैनात हैं।

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