Greater Noida West: हिंदू धर्म में कई ऐसे व्रत और त्योहार है, जिनकी एक अलग ही महत्तव हैं. ऐसा ही एक त्योहार होली है. रंगों के त्योहार होली का उत्साह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में देखने को मिलता है. इस पर्व को लोग बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते है. इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भी होली का त्योहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाएगा. इसे लेकर अलग-अलग सोसाइटी के बाहर होलिका दहन की तैयारी चल रही हैं. लोग पूजा अर्चना कर रहे है, विधिवध तरीके से शुभ महूर्त के समय पर होलिका दहन की तैयारी की जा रही है.

होलिका दहन की मान्यता

अगर होलिका दहन कार्यक्रम की बात करें तो होलिका दहन का आयोजन ज्यादातर किसी खुले स्थान पर ही किया जाता है. इस दौरान लकड़ियों से होलिका तैयार की जाती है. इसपर गोबर से बने होलिका और भक्त प्रह्लाद की मूर्ति स्थापित की जाती है. सूर्यास्त के बाद लोग होलिका के चारों ओर इकट्ठा होते हैं.

ऐसे तैयारी होती है होलिका

वहीं, होलिका दहन के शुभ मुहूर्त में होलिका के पास गोबर से बनी ढाल और चार मालाएं रखी जाती हैं। यह माला मौली, फूल, गुलाल, ढाल और गोबर से बने खिलौनों से बनाई जाती है. इनमें से एक माला पितरों के नाम की, दूसरी माला हनुमान जी की, तीसरी शीतला माता और चौथी माला घर-परिवार के लिए रखी जाती है.

कहा जाता है कि होलिका दहन में गेहूं की बाली को सेंका जाता है. मान्यता है कि होलिका दहन के समय बाली सेंककर घर में फैलाने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और साथ ही जल से अर्घ्य दिया जाता है. इसके पश्चात होलिका दहन के बाद पांच फल और चीनी से बने खिलौने आदि की आहुति दी जाती है.

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