Mayawati का मास्टरस्ट्रोक, 'भाईचारा' से बदलेंगी UP का सियासी गणित!

- Rishabh Chhabra
- 25 Mar, 2025
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से बसपा प्रमुख मायावती पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में हैं. 13 साल से सत्ता से दूर रहने के बाद अब बसपा अपने पुराने जनाधार को मजबूत करने के लिए मिशन 2027 की रणनीति पर काम कर रही है. इस बार मायावती का फोकस दलितों के साथ-साथ ओबीसी वोटबैंक को अपने पक्ष में करने पर है.
ओबीसी वोटबैंक पर नजर, भाईचारा कमेटी की वापसी
बसपा ने 13 साल बाद भाईचारा कमेटी को फिर से सक्रिय कर दिया है, जो विभिन्न जातियों को एक मंच पर लाने का काम करेगी. इस बार बसपा विधानसभावार भाईचारा कमेटियां बना रही है, जिसमें ओबीसी, दलित और अन्य समाज के नेताओं को जोड़ा जा रहा है. मायावती पहली बार ओबीसी नेताओं के साथ बैठक भी कर रही हैं, जिससे संकेत मिलता है कि बसपा अब नए समीकरण तैयार कर रही है.
सपा और बीजेपी के लिए नई चुनौती
समाजवादी पार्टी (सपा) ने 2024 लोकसभा चुनाव में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले से 37 सीटें जीतकर सफलता हासिल की थी. अब बसपा भी इसी वोटबैंक में सेंधमारी करने की रणनीति बना रही है. मायावती का फोकस गैर-यादव ओबीसी जातियों पर है, जो 2014 से बीजेपी के कोर वोटर बने हुए हैं. अगर बसपा इस वोटबैंक को अपनी ओर खींचने में सफल रहती है, तो यह बीजेपी के लिए भी बड़ा झटका हो सकता है.
संगठन में बदलाव, युवा नेतृत्व को मौका
बसपा ने अपने संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए कई जिलों में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है. इस बार 40 साल से कम उम्र के 20 से अधिक युवा नेताओं को जिला अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा, हर मंडल में चार प्रभारी और विधानसभा क्षेत्रों में दो-दो प्रभारी नियुक्त किए गए हैं. बूथ और सेक्टर स्तर पर भी संगठन को मजबूत करने का काम किया जा रहा है.
चंदा नीति में बदलाव, कार्यकर्ताओं को राहत
मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आर्थिक योगदान के रूप में चंदा लेने की परंपरा खत्म कर दी है. उन्होंने निर्देश दिया है कि बसपा समर्थकों से जबरन चंदा न लिया जाए, क्योंकि अधिकांश समर्थक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं. हालांकि, स्वेच्छा से कोई पार्टी को आर्थिक सहयोग देना चाहे तो उसे रोका नहीं जाएगा.
जल्द तय होंगे उम्मीदवार, 200 सीटों पर फोकस
मायावती अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं. बसपा उन 200 सीटों पर फोकस कर रही है, जहां पार्टी कमजोर स्थिति में है. जल्द ही इन सीटों पर प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे, जो बाद में पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार भी होंगे. इसके अलावा, मजबूत सीटों पर भी प्रत्याशियों की तलाश शुरू हो चुकी है, जिससे उन्हें चुनावी तैयारी के लिए पूरा समय मिल सके.
मायावती की जनसभाओं से बढ़ेगी रफ्तार
बसपा जल्द ही पूरे प्रदेश में सदस्यता अभियान और कैडर बैठकों को धार देने की योजना बना रही है. अक्टूबर से देशभर में कैडर कैंप आयोजित किए जाएंगे. इसके बाद मायावती विभिन्न राज्यों में जनसभाएं करेंगी, जिससे पार्टी को दोबारा मजबूती मिलेगी.
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