IPL के बीच मोहम्मद शमी को बड़ा झटका, खिलाड़ी की बहन-सास पर सरकार का एक्शन!

- Rishabh Chhabra
- 04 Apr, 2025
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के परिवार से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है. उनकी बहन की सास और ग्राम प्रधान गुले आयशा पर मनरेगा योजना में फर्जीवाड़े का आरोप लगा है. इस घोटाले के चलते गुले आयशा को अपनी प्रधानी गंवानी पड़ेगी और उनसे 8.68 लाख रुपये की वसूली भी होगी. मामले में लापरवाही बरतने पर तीन पंचायत सचिव, एक एपीओ सहित कुल 8 अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है.
परिवार के नाम पर निकाले लाखों रुपये
गुले आयशा अमरोहा जिले के जोया ब्लॉक के पलोला गांव की ग्राम प्रधान हैं. जांच में सामने आया है कि ग्राम प्रधान रहते हुए उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को मनरेगा मजदूर दिखाकर लाखों रुपये फर्जी तरीके से बैंक खातों में ट्रांसफर कराए. इनमें मोहम्मद शमी की बहन शबीना और जीजा गजनवी का नाम भी शामिल है.
इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद अमरोहा की जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की. जांच रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि ग्राम प्रधान ने सरकारी योजना का दुरुपयोग कर लाखों रुपये निकाले.
8 अधिकारी-कर्मचारी हुए निलंबित, FIR के आदेश
जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद जिलाधिकारी निधि गुप्ता ने तत्कालीन पंचायत सचिव उमा, अंजुम, पृथ्वी और एपीओ ब्रजभान सिंह सहित कुल 8 अधिकारी और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया.
इसके साथ ही, तत्कालीन बीडीओ प्रतिभा अग्रवाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा गया है. पंचायत सचिव को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है और सभी के खिलाफ FIR दर्ज कराने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं.
ग्राम प्रधान पद भी जाएगा
मनरेगा घोटाले में दोषी पाए जाने के बाद ग्राम प्रधान गुले आयशा की प्रधानी भी खतरे में आ गई है. प्रशासन ने उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे वे दोबारा चुनाव नहीं लड़ सकेंगी. इसके साथ ही, उनसे 8.68 लाख रुपये की वसूली भी की जाएगी.
क्या है मनरेगा योजना और इसमें कैसे हुआ घोटाला?
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के तहत गरीब मजदूरों को 100 दिन का रोजगार देने की योजना है. लेकिन गुले आयशा ने अपने परिवार के सदस्यों को मजदूर दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया.
मनरेगा की मजदूरी उन लोगों को दी गई, जिन्होंने कोई काम नहीं किया. रुपये सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए और बाद में निकाल लिए गए. इसमें पंचायत स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई.
प्रशासन की सख्ती, अब आगे क्या?
अब इस मामले में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है.
ग्राम प्रधान को बर्खास्त किया जाएगा.
8.68 लाख रुपये की वसूली होगी.
अधिकारियों और कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई होगी.
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