कांवड़ यात्रा से पहले दुकानों और ठेलों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी थी. वहीं इस अभियान हवा देने वाले मुज़फ्फरनगर के बघरा ब्लॉक के योग साधना आश्रम के महंत स्वामी यशवीर महाराज अब एक नई अपील लेकर सामने आए हैं. स्वामी यशवीर महाराज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए मंगलवार दोपहर से एक अनोखे अभियान की शुरुआत की है. उन्होंने सभी सनातनी व्यापारियों से अपील की है कि सभी छोटे-बड़े दुकानदार अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर ॐ लिखा भगवा झंडा और भगवान विष्णु के अवतार भगवान वराह की मूर्ति लगाएं. यशवीर महाराज ने इस अभियान को शुरु कर दिया है. जिसके तहत उन्होंने मुजफ्फरनगर के सभी कांवड़ मार्गों पर स्थित होटल, ढाबों और फल-जूस की ठेली लगाने वाले हिन्दू दुकानदारों के पास जाकर उन्हें भगवान वारह की तस्वीर भेंट करते की. साथ ही इस अभियान को तेज करने की बात कही.

“हमारा हिंदू समाज इसके लिए बाध्य नहीं”
इस दौरान स्वामी यशवीर महाराज ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि देखिए सुप्रीम कोर्ट का जो नेम प्लेट के ऊपर अंतरिम आदेश आया है, वह तो आ गया, लेकिन हमारा जो हिंदू समाज है वो इसके लिए बाध्य नहीं है. मेरा सभी सनातन धर्म के मानने वालों से कहना है कि जहां भी आपका होटल, ढाबा, चाय की दुकान, मिठाई की दुकान, जूस की दुकान, फलों की दुकान या खाद्य पदार्थ की कोई भी दुकान है. उस पर अपना और अपने पिता का मोटे अक्षरों में नाम लिखो और अपने आधार कार्ड की टू कॉपी लगाओ. साथ ही उस पर भगवा रंग में ओम का ध्वज लगाओ. वहीं भगवान वारह का चित्र लगाओ. जिस होटल पर जिस दुकान पर जहां खाने का सामान मिलता है, वहां पर भगवान वराह का चित्र है तो आप वहीं भोजन करें या कुछ भी खाएं, क्योंकि भगवान वराह का जहां पर चित्र है वहां पर भोजन में थूकने का, मूत्र करने का या गोमांस डालने का ऐसा घृणित कार्य नहीं होगा. उनका कहना है कि जहां पर भगवान वराह की मूर्ति या चित्र है, वहां आपको शुद्ध भोजन मिलेगा, इसलिए भोजन करने से पूर्व यह सब देख लें और भगवान वराह की मूर्ति जहां हो निश्चित होकर के अपना शाकाहारी सात्विक भोजन करें.

कांवड़ियों से भी यशस्वी महाराज ने की अपील
उन्‍होंने आगे कहा कि मैं कांवड़ियों से यही कहना चाहता हूं कि श्रावण मास चल रहा है और यह भक्ति का मास होता है. इस मास में बहुत भक्ति की जाती है. साथ ही खान-पान का भी ध्यान रखा जाता है. बल्कि जो तामसिक आहार होता है, लहसुन प्याज उसका भी सेवन नहीं किया जाता है. तो सभी कांवड़ लाने वाले भक्तों से मेरा यह निवेदन है कि आपकी जो कांवड़ लाते समय भक्ति होती है उसे भक्ति में कोई बाधा ना आए. इसलिए जहां भी आप लोग भोजन करें या फल खाएं, जूस या चाय पीएं वहां पर यह देख लें कि मोटे अक्षरों में नाम है एवं ओम का ध्वज लगा हुआ है. आधार कार्ड की कॉपी के साथ-साथ भगवान वराह की मूर्ति है और जहां पर भगवान वराह की मूर्ति होगी. बिल्कुल आंख बंद करके भोजन कर लें. वहां सात्विक भोजन मिलेगा एवं न भोजन में लहसुन प्याज होगा और ना उन गैंग के द्वारा जो थूकने वाले-मूतने वाले गैंग है या गोमांस मिलाने वाले गैंग हैं, उनसे आप बच जाओगे और सात्विक भोजन वही मिलेगा.

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