उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी की मुखिया अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा उपचुनाव में कैंपेन की शुरुआत गाजियाबाद से की। जहां पर अखिलेश यादव ने चुनाव की तारीख बदलने, सीएम योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे से लेकर गाजियाबाद कोर्ट में वकीलों पर लाठीचार्ज तक को लेकर प्रदेश सरकार पर तंज कसा है।

अखिलेश यादव बोले ‘ लखनऊ-दिल्ली में सबकुछ ठीक नहीं’

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने डीजीपी चयन की पॉलिसी बदलने के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने कहा कि जिनको खुद का भविष्य नहीं पता है, वो दो साल के नियम बना रहे हैं। ऐसा इसलिए कर रहे हैं, जिससे बेईमानी-अन्याय किया जा सके। कानून की धज्जियां उड़ाई जा सकें। इस पॉलिसी से ये भी पता चलता है कि लखनऊ और दिल्ली के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।

‘बंटेंगे तो कटेंगे नारे को नहीं करेंगे स्वीकार’

‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने कहा कि डिवाइड एंड रूल। डिवाइड का हिन्दी अर्थ है बांटो। ये नारा अंग्रेजों ने दिया था। अंग्रेज तो चले गए, लेकिन अपने वचन छोड़ गए। ये वचनवंशी लोग हैं। इसलिए इन्होंने इस तरह का नारा दिया है। भारत और उप्र का समाज कभी ऐसे नारों को स्वीकार नहीं कर सकता। वहीं, यूपी मदरसा एक्ट को संवैधानिक करार देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फटकार कोई नई नहीं है। अभी तक के जो कार्यकाल देखेंगे, सबसे ज्यादा सुप्रीम कोर्ट की फटकार उप्र सरकार को मिली है।

चुनाव तारीख बदलने पर क्या बोले अखिलेश

अखिलेश यादव ने उपचुनाव की तारीख 13 नवंबर से बदलकर 20 नवंबर करने को लेकर भाजपा पर तंज कसा और कहा कि भाजपा हार रही है, इसलिए चुनाव टाल रही है। इसलिए पहले अयोध्या का चुनाव टाला, फिर यूपी चुनाव की तारीखें बदल दीं। भाजपा चुनाव में कोई न कोई खास तैयारी कर रही है। ये तैयारी पुलिस को आगे करने की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि मैं रामपुर बना दूंगा। इसका मतलब ये है कि मैं वोट नहीं डालने दूंगा। भाजपा को हारने का डर है। रिंग से बाहर वही पहलवान भागता है, जो हारता है। इन्हें पता था कि जो लोग बाहर से आए हैं, त्योहार में आए हैं। वो 13 नवंबर तक रुकेंगे और इन्हें हरा देंगे। इसलिए इन लोगों ने तारीख बदलवा दी।

गाजियाबाद में वकीलों पर लाठीचार्ज को लेकर सरकार से किया सवाल

अखिलेश यादव ने कहा कि वो चाहते हैं कि दिल्ली से बेहतर गाजियाबाद बने। इसका प्रयास उन्होंने अपनी सरकार में किया। तमाम इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट गाजियाबाद में किए। मौजूदा सरकार का तो कोई काम दिखता ही नहीं है। इनका काम ये है कि सिर्फ विनाश कर दो। काम को रोक दो, तोड़ दो। उन्होंने गाजियाबाद कोर्ट में वकीलों पर लाठीचार्ज के मुद्दे पर कहा कि अधिवक्ताओं के साथ पुलिस को ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए था। अगर कोई बात थी तो कोर्ट में अपना प्लेटफॉर्म है, वहां दोनों पक्षों की बात सुनी जा सकती थी। पता नहीं किसका गुस्सा उतारा जा रहा है, जो वकीलों को अपमानित होना पड़ा।

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