Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के अनुकृत और उनकी पत्नी मंजरी के दिल में देश की ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ऐसी अलख जगी कि आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से एमबीए करने के बाद भी अच्छी नौकरी के बजाय “फार्म दीदी” स्टार्टअप की शुरुआत की। उनके इस खास स्टार्टअप के सपने को सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले स्टार्ट अप बेस्ड प्रोग्राम शार्क टैंक इंडिया के एक करोड़ रुपये के निवेश किए जाने से पंख लग गए हैं। अब अनुकृत और उनकी पत्नी मंजरी “फार्म दीदी” मुहिम के जरिए देश की ग्रामीण महिलाओं को अचार बनाने की सीख देकर आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अब तक 1500 महिलाएं इस अभियान से जुड़ चुकी हैं। अनुकृत और मंजरी ने पूरे देश में 10 लाख महिलाओं को रोजगार परक बनाने का लक्ष्य है।


अनिल कुमार जौहरी के बेटे-बहू ग्रामीण महिलाओं को बना रहे आत्मनिर्भर
ग्रेटर नोएडा के रहने वाले अनुकृत अनिल जौहरी व उनकी पत्नी मंजरी शर्मा की टीम ग्रामीण महिलाओं को मोबाइल एप के माध्यम से अचार बनाने की विधि सिखाती है। अनुकृत के पिता अनिल कुमार जौहरी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सीनियर मैनेजर के पद से सेवानिवृत हुए हैं। मंजरी शर्मा ने बहादुरगढ़ से स्कूलिंग की और दिल्ली के रामजस कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएम कोलकाता से एमबीए करने के बाद टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम किया। वहीं, अनुकृत अनिल जौहरी ने लखनऊ से स्कूलिंग करने के बाद ग्रेटर नोएडा के डीपीएस और दिल्ली पब्लिक स्कूल आरके पुरम से पढ़ाई के बाद दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की।


1500 महिलाएं अभियान से जुड़ीं
अनुकृत ने भी आईआईएम कोलकाता से एमबीए करने के बाद कुछ समय तक जॉब किया और फिर अपना स्टार्ट अप शुरू किया। इनके स्टार्टअप फार्म दीदी में सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम शार्क टैंक इंडिया ने एक करोड़ रुपए का निवेश किया है। शार्क टैंक युवाओं को उनकी बेहतरीन आइडिया होने पर बतौर स्टार्ट अप फंड उपलब्ध कराकर आगे बढ़ाने में सहयोग देता है। शार्क टैंक इंडिया से निवेश करने वालों में विनीता सिंह और पीयूष बंसल शामिल हैं। अनुकृत और उनकी पत्नी मंजरी का “फार्म दीदी” का यह आइडिया तेजी से परवान चढ़ रहा है। अब तक 1500 महिलाएं इस अभियान से जुड़ चुकी हैं। 70 महिलाएं अचार बनाने की विधि सीखने के बाद फार्म दीदी बनकर पैसे कमा रही हैं।


10 लाख महिलाओं को रोजगार परक बनाने का रखा है लक्ष्य
अनुकृत और मंजरी बताते हैं कि ग्रामीण महिलाओं को “फार्म दीदी” के बारे में जागरूक करने के लिए वे गांव-गांव जाते हैं। वे दीदीयों से मिलते हैं। उनको इसके बारे में बताते हैं। इस मुहिम से जुड़कर कई दीदीयां ने अपनी लाइफ को संवारने में जुटी हैं। वे अपनी तथा अपने परिवार की जरूरतों को भी पूरा कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अचार की सप्लाई चेन के लिए महाराष्ट्र सरकार से एमओयू साइन किया गया है। उनकी टीम गांव में जाकर स्वादिष्ट अचार बनाने की विधि बताती है। प्रोडक्ट बनने के बाद लैब में चेक भी कराया जाता है। उसके बाद ही उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है। उनसे जुड़ने के बाद गांव की महिलाएं 10 हजार रुपए तक हर महीने कमा रही हैं। अचार की मांग को और बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। वेबसाइट के जरिए भी बिक्री की जा रही है। अचार बनाते समय स्थानीय फ्लेवर को प्राथमिकता दी जाती है। वे कहते हैं कि उनको नौकरी से अधिक संतुष्टि इस कार्य को करने में मिल रही है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version