अयोध्या में 30 अक्टूबर को होने वाले दीपोत्सव की तैयारियां अंतिम दौर में चल रही हैं. इसी के तहत राम की पैड़ी के घाटों पर दिये बिछाने का काम भी शुरू हो गया है. वहीं घाट पर दियों को बिछाते समय वॉलिंटयर्स का उत्साह देखते ही बन रहा है. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद होने जा रहे इस पहले दीपोत्सव को भव्य बनाने के भरकस प्रयास किए जा रहे हैं.
29 अक्टूबर को होगी दीपकों की गणना
वहीं दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो . संत शरण मिश्र ने बताया कि दीपोत्सव की भव्यता के लिए 55 घाटों पर दीपकों की सप्लाई पूरी हो चुकी है. शनिवार से घाटों पर दिये बिछाने का काम भी शुरू कर दिया गया है. इसके बाद रविवार से 55 घाटों पर पर दिये बिछाने का काम शुरू होगा जो कि 28 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा. 29 अक्टूबर को दीपकों की गणना गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड टीम द्वारा की जायेगी. वहीं दीपोत्सव के दिन 30 अक्टूबर को वालंटियर्स द्वारा दीपों में तेल डालने, बाती लगाने व प्रज्ज्वलित करने का कार्य किया जाएगा.
आईकार्ड, टी-शर्ट व कैप के बिना घाटों पर प्रवेश वर्जित
दीपोत्सव नोडल अधिकारी ने ये भी बताया कि इस दीपोत्सव में विश्वविद्यालय परिसर, 14 महाविद्यालय, 37 इण्टर कॉलेज व 40 स्वयंसेवी संस्थायें लगाई गई हैं. इन संस्थानों के द्वारा वॉलंटियर बसों से राम की पैड़ी व अन्य दीपोत्सव स्थलों पर भेजे जा रहे हैं. वहीं विश्वविद्यालय परिसर से बसें सुबह 10 बजे रवाना की गई. विभागों द्वारा सभी वॉलंटियर्स को आईकार्ड उपलब्ध करा दिया गया है. इसके साथ ही वॉलंटियर्स को टी-शर्ट व कैप भी वितरित कर दिया गया है. आईकार्ड व टी-शर्ट व कैप के बिना घाटों पर प्रवेश वर्जित रहेगा. मीडिया प्रभारी डॉ. विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि कुलपति द्वारा दीपोत्सव की सफलता के लिए विभिन्न समितियों द्वारा दिशा -निर्देश प्रदान किया जा रहा है. सभी समितियां अपने कार्यदायित्वों का निवर्हन करते हुए एक बार फिर से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज करा सकेंगे.