ग्रेटर नोएडा में मंगलवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर एक अहम बैठक की गई. ये बैठक डीजीसीए की अध्यक्षता में विभिन्न विभाग के प्रतिनिधियों के साथ में की गई. इस दौरान कई और अहम फैसलों पर मुहर लगा दी गई है. वहीं अब 30 नवंबर को कमर्शियल उड़ानों के परीक्षण की भी घोषणा कर दी गई है.

30 नवंबर को होगा कमर्शियल उड़ानों का परीक्षण
यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि 30 नवंबर को कमर्शियल उड़ानों का परीक्षण किया जाएगा. इस परीक्षण में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया, अकासा और इंडिगो जैसी एयरलाइंस भाग लेंगी. इसके लिए एयरपोर्ट पर कैटेगरी 1 और कैटेगरी 3 दोनों इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम स्थापित कर दिए गए हैं और डीजीसीए ने इनका निरीक्षण भी कर लिया है.

डीजीसीए से मार्च तक लाइसेंस मिलने की संभावना
आगामी कार्यक्रम के अनुसार 4 से 6 अक्टूबर तक आईएलएस का कैलिब्रेशन किया जाएगा और इसकी रिपोर्ट 10 अक्टूबर तक प्रस्तुत कर दी जाएगी. कैलिब्रेशन का प्रमाणपत्र 15 अक्टूबर तक जारी होगा. इसके बाद 15 नवंबर तक उड़ान प्रक्रिया डीजीसीए को सौंप दी जाएगी. डीजीसीए 25 नवंबर तक उड़ानों का ड्राइंग करेगा. 30 नवंबर को होने वाली वाणिज्यिक उड़ान परीक्षण में एक से दो दिन का समय लग सकता हैं. इसके बाद दिसंबर में एयरोड्रोम लाइसेंसिंग के लिए आवेदन किया जाएगा. अधिकतम 90 दिनों में डीजीसीए द्वारा लाइसेंस जारी होने की उम्मीद है. जिसके बाद मार्च तक लाइसेंस मिलने की संभावना जताई जा रही है. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संबंध में अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ की बैठक पहले ही हो चुकी है. नोएडा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसके लिए आवेदन कर दिया है. अप्रूवल मिलने के बाद ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत पर चर्चा होगी.

एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 17 अप्रैल अंतिम समय सीमा तय की
सीईओ ने बताया कि पहले दिन एक या एक से अधिक अंतरराष्ट्रीय उड़ान और कई घरेलू उड़ानें शुरू होने की संभावना है. टिकट बुकिंग भी जल्द ही शुरू हो सकती है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 17 अप्रैल को अंतिम समय सीमा के रूप में निर्धारित किया है लेकिन उम्मीद है कि इससे पहले ही यहां से उड़ानें शुरू हो जाएंगी.

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