Delhi: दिल्ली एनसीआर के 15 से अधिक ऑटो, टैक्सी चालक संगठनों के दो दिवसीय संयुक्त हड़ताल से यात्रियों का परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर में ओला, ऊबर और रैपिड कैब के साथ अन्य ऑटो, टैक्सी ड्राइवर कंपनियों के खिलाफ हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हड़ताल करने वाले संगठनों का आरोप है कि एप आधारित कंपनियां उनका शोषण कर रही हैं। उनसे मोटा कमीशन वसूल रही है। बाइक टैक्सी और ई-रिक्शा से भी उनके रोजगार को नुकसान पहुंच रहा है। केंद्र सरकार और राज्य इस पर रोक लगाए।

कुछ संगठन हड़ताल में नहीं हुए शामिल
वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली में कई ऑटो संगठन हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं। हड़ताल में शामिल न होने संगठनों ने कहा कि यह हड़ताल एप आधारित कंपनियों से जुड़े ऑटो और कैब चालक कर रहे हैं। ऑटो परिवार यूनियन के अध्यक्ष इंद्रजीत सचदेवा का कहना है कि अगर चालकों को कोई दिक्कत है तो उसे संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर सुलझाया जा सकता है। यदि कंपनियां मनमाने तरीके से काम कर रही हैं तो उससे जुड़े रहने का कोई दबाव नहीं है।

मांगें नहीं मानने पर जारी रहेगा प्रदर्शन
दिल्ली ऑटो-टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के उपाध्यक्ष आर एस राठौर ने कहा कि एग्रीगेटर कंपनियां गैर कानूनी तरीके से चल रही हैं। चालकों को सही पैसा नहीं मिल रहा है। अगर हमारी मांग नहीं पूरी होगी तो हम आगे भी प्रदर्शन करेंगे। ऑटो और टैक्सी चालकों की हड़ताल की वजह से यात्री परेशानी से जूझ रहे हैं। एक यात्री ने कहा, टैक्सी नहीं मिल रही है। काफी समय से ऑनलाइन कैब भी बुक करने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन बुकिंग नहीं हो रही है। जबकि ऑटो ड्राइवर मनमाना पैसा मांग रहे हैं।

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