न्याय की अपेक्षा में एनसीएलएटी कोर्ट की ओर टकटकी लगाये हुए सुपरटेक के 26000 घर खरीदारों के भविष्य का फैसला फिर एक सप्ताह के लिए टल गया है। नोएडा से नॉर्थ आई, इकोसिटी, रोमानो और केप टाउन, ग्रेटर नोएडा से इकोविलेज 1, इकोविलेज 3, स्पोर्ट्स विलेज, यमुना एक्सप्रेसवे से अपकंट्री, गुरुग्राम से अराविले और हिलटाउन और बेंगलुरु से मिकासा सहित सुपरटेक लिमिटेड की ग्यारह परियोजनाओं से 26 हजार से अधिक घर खरीदारों के एनसीएलएटी के आदेश के द्वारा नियुक्त अधिकृत प्रतिनिधियों (एआर) ने घर खरीदारों के अधिकार को बचाने के लिए अपना प्रार्थना दाखिल किया था। जिस पर आज सुनवाई होनी थी। लेकिन सुनवाई टल गई है।
सुपरटेक बिल्डर की प्रताड़ना से मुक्ति दिलाने की मांग
यह NCLAT के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त आवेदन हैं। जिसमे 26000 से अधिक घर खरीदारों की सुपरटेक की प्रताड़ना से मुक्ति के प्रार्थना है। घर खरीदारों के प्रतिनिधिमंडल ने एनसीएलएटी के समक्ष आवेदन किया है। जिसमें एनसीएलएटी ने मांग कि है कि एनबीसीसी को घर खरीदारों के हित को ध्यान में रखते हुए समाधान प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दें। फोरेंसिक ऑडिट से एनबीसीसी को एक मजबूत योजना बनाने में मदद मिलेगी जो सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद होगी। एनबीसीसी को आम्रपाली में आने वाली समस्याओं से बचने में मदद मिलेगी। सुपरटेक लिमिटेड के प्रबंधन की भागीदारी को पूरी तरह से हटा दिया जाए। मौजूदा घर खरीदारों के लिए कोई लागत वृद्धि नहीं की जाए।
10 साल से लड़ रहे हक की लड़ाई
पिछले दस वर्षों से ये घर खरीदार अपने घर की लगभग पूरी राशि का भुगतान करने के बाद भी असहाय, बेघर हैं। जो लोग अपना घर प्राप्त करते हैं, वे खराब बुनियादी ढांचे और उचित सुरक्षा और सुविधाओं की कमी के तहत रहने वाले आंशिक रूप से निर्मित समाजों में अराजकता और कुप्रबंधन का शिकार हैं।
एनसीएलएटी कोर्ट में ये रहे मौजूद
एनसीएलएटी कोर्ट में होम बायर के प्रतिनिधियों में इको विलेज 3 से चेतन कपूर एवम् आयोग रस्तोगी, इको विलेज 1 से गौरव कपिल एवम् विजय चौहान, हिलटाउन से कपिल दत्त शर्मा, केप टाउन से अरुण जैन, स्पोर्ट्स विलेज से अचिन मजूमदार, रोमानो से विक्रांत वर्मा, अपकंट्री से कैलाश चंद्र, इकोसिटी से राकेश यादव एवम् ज्योति रानी (अधिवक्ता) उपस्थित रहे. सुनील मैथ्यू, आकाश गोयल एवम् राहुल पाराशर वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा सम्मिलित हुए।