मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस साल भी अयोध्या का 8वां दीपोत्सव भव्य और दिव्य रूप से मनाने का फैसला ले लिया है. इस अवसर पर सरयू नदी के 55 घाटों पर 28 लाख दीयों को प्रज्ज्वलित कर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की जा रही है. दीपोत्सव की तैयारियों के तहत डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने दीयों और स्वयंसेवकों की संख्या का निर्धारण कर लिया गया है. जिससे इस आयोजन को सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर योजनाबद्ध कार्य हो सके.

55 घाटों पर 28 लाख से अधिक दिपक जलाए जाएंगे
इस भव्य आयोजन के तहत सरयू नदी के 55 घाटों पर 28 लाख से अधिक दीए प्रज्ज्वलित किए जाएंगे. चौधरी चरण सिंह घाट, राम की पैड़ी और भजन संध्या स्थल सहित अन्य सभी घाटों पर दीपकों को घाट समन्वयकों की निगरानी में बिछाया जाएगा. इसके अलावा इस आयोजन में 14 सम्बद्ध महाविद्यालयों, 37 इंटरमीडिएट कॉलेजों और 40 स्वयंसेवी संस्थाओं से लगभग 30,000 स्वयंसेवक सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे. वहीं घाटों पर दीयों की संख्या और स्वयंसेवकों का वितरण पहले ही तय कर ली गई है.

स्वयंसेवकों पर होगी दीपों को जलाने की जिम्मेवारी
अवध विश्वविद्यालय ने दीयों और तैनात किए जाने वाले स्वयंसेवकों की संख्या का भी विस्तृत आंकड़ा जारी कर दिया है. उदाहरण के रूप में राम की पैड़ी के घाट एक पर 65,000 दीयों को जलाने को 765 स्वयंसेवक तैनात होंगे. जबकि घाट दो पर 38,000 दीयों के लिए 447 स्वयंसेवकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसी तरह के घाट तीन पर 48,000 दीयों के लिए 565 स्वयंसेवक और घाट चार पर 61,000 दीयों के लिए 718 स्वयंसेवक तैनात होंगे. इसी प्रकार दीयों की संख्या के अनुसार ही सभी 55 घाटों पर स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा. इस आयोजन में विभिन्न कॉलेजों और संस्थाओं से जुड़े स्वयंसेवक पूरे उत्साह के साथ भागीदारी करेंगे और घाटों पर दीयों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे.

अंतिम चरण में दीपोत्सव की तैयारियां
दीपोत्सव के नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र ने बताया कि 30 अक्टूबर को आयोजित किए जा रहे दीपोत्सव की तैयारियां अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं. घाटों पर दीयों की खेप 24 अक्टूबर से पहुंचनी शुरू हो गई है और 25 अक्टूबर से दीयों को घाटों पर बिछाने का कार्य भी शुरू हो जाएगा. स्वयंसेवकों का आईकार्ड वितरण भी शुरू हो गया है, जिसमें से 15,000 से अधिक आईकार्ड संस्थानों के पदाधिकारियों को बांटे जा चुके हैं. सभी संस्थानों को शुक्रवार तक आईकार्ड पहुंचा दिए जाएंगे. वहीं 25 अक्टूबर को पूर्वाह्न 11:30 बजे स्वामी विवेकानंद सभागार में अंतिम प्रशिक्षण बैठक आयोजित होगी. इस बैठक में जिला प्रशासन के साथ विश्वविद्यालय के समस्त विभागाध्यक्ष, समन्वयक, प्राचार्य, संकायाध्यक्ष और घाट प्रभारी मौजूद होंगे. इस बैठक का मकसद दीपोत्सव की अंतिम तैयारियों को सुनिश्चित करना है. ताकि 30 अक्टूबर को दीपोत्सव कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न किया जा सके.

विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य
इस साल सरयू नदी के 55 घाटों पर 28 लाख से अधिक दीयों को जलाने का लक्ष्य रखा गया है. जो कि अयोध्या को एक बार फिर से विश्व पटल पर स्थापित करेगा. ये दीपोत्सव ना केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करता है.

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