लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण की वोटिंग सात मई को होनी है। इस चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, असम, गुजरात और पश्चिम बंगाल सहित 13 राज्यों की 94 सीटों पर मतदान होना है। वहीं इस चरण में कई दिग्गजों की अग्निपरीक्षा भी होनी है। इस वजह से भी ये चरण काफी अहम है। अमित शाह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मनसुख मांडविया, एसपी सिंह बघेल, सुप्रिया सुले सहित तमाम उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। वहीं कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को भी मिलेगा, जहां लड़ाई बेहद रोचक हो गई है। जानकारों की मानें तो तीसरे चरण के चुनाव में जीत का परचम फहराने वाला सत्ता की बागडोर भी संभाल सकता है। इस कारण से भी तीसरा फेज काफी अहम माना जा रहा है।
दूसरी बार गांधीनगर सीट पर किस्मत आजमा रहे शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर से गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। पिछली बार इसी सीट से वो जीतकर सांसद बने थे, लेकिन इस बार उनका सामना कांग्रेस की प्रत्याशी सोनल पटेल से है। गांधीनगर सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है और अमित शाह के पहले लालकृष्ण आडवाणी यहां से सांसद चुने जाते रहे हैं। अमित शाह 2019 में पहली बार गांधीनगर सीट से लोकसभा चुनाव मैदान में उतरे थे और जीतकर सांसद बने थे। अब दूसरी बार किस्मत आजमा रहे हैं।
गुना सीट पर अपनी वापसी की आस में ज्योतिरादित्य सिंधिया
अपने पुराने गढ़ गुना लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। इस बार सिंधिया बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। तब वे चुनाव हार गए थे। बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर सिंधिया की इस बार कोशिश अपनी वापसी के लिए है। सिंधिया का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी यादवेंद्र सिंह यादव से है। यादवेंद्र यादव बीजेपी में थे और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में शामिल हुए थे।
मनसुख मांडविया और ललित भाई वसोया में कांटे की टक्कर
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया की अग्नि परीक्षा होनी है। मांडविया गुजरात की पोरबंदर संसदीय सीट से चुनावी मैदान में हैं और उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी ललित भाई वसोया से है। पोरबंदर लोकसभा सीट पर बीजेपी की मजबूत सीटों में से है और लगातार जीत दर्ज कर रही है, लेकिन इस बार कांटे की टक्कर मानी जा रही है।
मंत्री एसपी सिंह बघेल की तीसरे फेज में अग्नि परीक्षा
मोदी सरकार में मंत्री एसपी सिंह बघेल का इम्तिहान तीसरे चरण में होना है. एसपी बघेल दूसरी आगरा सुरक्षित सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। तो सपा से सुरेश चंद्र कदम किस्मत आजमा रहे हैं। जबकि बसपा से पूजा अमरोही ने उतरकर त्रिकोणीय बना दिया है। पूजा अमरोही कांग्रेस नेता सत्या बहन की पुत्री हैं। दलित बहुल इस सीट पर बसपा कभी चुनाव नहीं जीत सकी है, लेकिन दूसरे नंबर पर हमेशा रही है। इस बार पूजा अमरोही ने इस मुकाबले को रोचक बना दिया है।
सुप्रिया सुले के सामने अपनी सीट बचाए रखने की चुनौती
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में शरद पवार के परिवार की अग्निपरीक्षा होनी है। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले अपनी परंपरागत बारामती सीट से तीसरी बार उतरी हैं। सुले के सामने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार चुनाव लड़ रही हैं। एनसीपी में दो फाड़ होने के बाद शरद पवार और अजित पवार दो अलग गुटों में बंट गए हैं। ऐसे में सुप्रिया सुले अपनी सीट को बचाए रखने की चुनौती है।
20 साल बाद लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और प्रदेश बीजेपी के दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान इस बार विदिशा लोकसभा सीट से मैदान में है। उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप भानु शर्मा से है। शिवराज सिंह 20 साल बाद लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे हैं। इससे पहले 2005 तक इस सीट से सांसद रहे हैं। बीजेपी ने अब उन्हें केंद्रीय राजनीति में लाने का फैसला किया है, तो विदिशा सीट पर फिर से उतारा है।
मुलायम सिंह की सियासी विरासत संभालने उतरीं डिंपल यादव
मैनपुरी लोकसभा सीट पर मुलायम सिंह यादव की सियासी विरासत संभालने के लिए अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर बीजेपी ने जयवीर सिंह को उतारा है, तो बसपा से शिव प्रसाद यादव किस्मत आजमा रहे हैं। 1996 से यह सीट सपा जीत रही है। मोदी लहर में भी यह सीट सपा जीतने में कामयाब रही। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उपचुनाव में डिंपल यादव मैदान में उतरी थीं और जीत दर्ज की थी। बीजेपी ने इस बार ठाकुर और बसपा ने यादव कार्ड खेलकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कवायद की है।
मुलायम परिवार के दो नेताओं का टेस्ट भी तीसरे फेज में
इसके साथ मुलायम परिवार के दो नेताओं का टेस्ट भी इसी चरण में होना है। बदायूं सीट से शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव और फिरोजाबाद सीट से रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव चुनावी मैदान में उतरे हैं। 2019 में सपा ने दोनों ही सीटों को गंवा दिया था, लेकिन इस बार कांटे की लड़ाई है। ऐसे में देखना है कि क्या इस बार मुलायम परिवार अपनी सीटें बचा पाएगा?
राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में दिग्विजय सिंह
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। 1991 में दिग्विजय इस सीट से चुनावी मैदान में उतरकर भारी मतों से जीत दर्ज की थी। राजगढ़ उनकी परंपरागत सीट रही है, जिसके चलते कांग्रेस ने दिग्विजय पर दांव खेला है। इस बार उनका मुकाबला बीजेपी के रोडमल नागर से है। मोदी लहर में बीजेपी ने इस सीट पर मजबूती से अपना कब्जा जमा रखा है, लेकिन दिग्विजय सिंह के उतरने से मुकाबला रोचक हो गया है।