सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंसूबों पर पानी फेरने वाले कोई और नहीं बल्कि सरकारी अधिकारी हैं. एक ओर सीएम योगी भूमाफियाओं और अवैध निर्माण करने वालों की नकेल कसना चाहते हैं. तो वहीं दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा के चिटहरा गांव में अवैध निर्माण और सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया गया है. शिकायतकर्ता जगदीश सिंह की मानें तो गौतमबुद्ध नगर की दादरी तहसील के राजस्व ग्राम चिटहरा के खसरा नंबर 136 की भूमि पर ब्रह्मानंद पैराडाइज एलएलपी नामक फर्म ने अवैध कब्जा कर रखा है. इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता ने कई बार प्राधिकरण और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई. मगर ना तो प्राधिकरण और ना ही प्रशासन इस ओर कोई ठोस कार्रवाई कर रहा है.

ये है पूरा मामला
शिकायतकर्ता जगदीश सिंह का कहना है कि ग्रेटर नोएडा के ग्राम चिटहरा की 4489 वर्ग मीटर भूमि प्राधिकरण द्वारा खरीदी गई थी. जिसमें से ब्रह्मानंद पैराडाइज फर्म ने 3105 वर्ग मीटर भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया और ऊंची-ऊंची दीवारें खड़ी कर दीं. इसके अलावा मामले को लेकर मिली जानकारी के अनुसार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने खुद अपनी जांच में ये पुष्टि की है कि ये भूमि उनके अधिकार क्षेत्र में आती है. इसके साथ ही प्राधिकरण के द्वारा कई बार इन्हें नोटिस भी दिए जा चुके हैं और धारा 10 का नोटिस भी दिया जा चुका है. प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि गैप 4 के नियम हटाने के बाद इस अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया जाएगा.

अधिकारियों से शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
इतना ही नहीं पीड़ित जगदीश सिंह का दावा है कि उनकी बैनामा की गई जमीन पर भी अवैध कब्जे की कोशिश की जा रही है. जिसको लेकर प्राधिकरण तहसील के अधिकारियों से कई बार शिकायत करने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. आखिर अधिकारियों की ऐसी कौन सी मजबूरी है जिसकी वजह से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है.

शिकायतकर्ता ने सीएम योगी से लगाई गुहार
वहीं अधिकारियों की अनदेखी के चलते शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र के माध्यम से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग कर दी है. इसके साथ ही प्राधिकरण के अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई और अवैध कब्जे को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाने की भी मांग रखी गई है.

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