Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 20 हजार फ्लैट खरीदारों को अधर में लटकाने को लेकर 32 बिल्डरों को अल्टीमेटम दिया है। प्रधाकिरण बकायदारों को नोटिस जारी कर वार्ता के लिए बुलाएगा। वहीं, देश की प्रतिष्ठित लॉ फर्मों से विधिक राय लेकर प्राधिकरण बिल्डरों के खिलाफ न्यायालय में अपील भी करेगा। जिन बिल्डरों ने कार्रवाई पर स्टे लिया है, उनके खिलाफ मजबूत पैरवी कर संपत्ति को अटैच की प्रक्रिया भी शुरू होगी।

बकाया राशि का 25 फीसदी न जमा करने से रजिस्ट्री लटकी
बता दें कि अधिकतर बिल्डरों ने कोर्ट स्टे आदेश लिया है प्राधिकरण की लचर पैरवी के चलते मामला अटका है। इस तरह कुल बकाया राशि का 25 फीसदी नहीं जमा कर 20 हजार फ्लैट खरीदारों को अधर में लटकाने वाले इन बिल्डरों की रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की जाएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के क्षेत्र में 96 बिल्डर परियोजनाएं हैं। इसमें 32 बिल्डरों ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ नहीं लिया है। जिसके चलते 20 हजार बायर्स अधर में हैं।

राज्य सरकार ने घर खरीदारों को दी राहत
राज्य सरकार ने प्राधिकरण को आदेश दिया है कि रुकी हुई बिल्डर परियोजनाओं में रजिस्ट्री में हुई देरी पर खरीदारों से नहीं वसूले। सरकार ने रजिस्ट्री में देरी पर लगने वाले जुर्माने की वसूली पर दी छह महीने की छूट दी है। जिसे 40 हजार खरीदारों को 100 करोड़ की राहत मिलने की उम्मीद है। अभी तक प्राधिकरण में 17 हजार खरीदारों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो चुका है। 2300 से अधिक को मालिकाना हक प्राधिकरण दिला चुका है। बाकी बिल्डरों ने अभी पैसा जमा नहीं किया है, जिससे खरीदारों की रजिस्ट्री नहीं हो पाई हैं।

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