वसंत पंचमी के अवसर पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा क्योंकि वृंदावन में बसंत पंचमी से ही होली की शुरुआत हो जाती है. वहां रहने वाले लोगों के साथ-साथ यहां आने वाले पर्यटकों में भी होली का खुमार साफ देखने को मिलता है. मंदिर में गेंदा के पीले फूलों से छाई वासंतिक घटा के बीच पीतांबर धारण कर कमर में हलाल का फैंटा बांध जब आराध्य बांकेबिहारी लाल ने भक्तों पर गुलाल उड़ाया, तो आराध्य के प्रसादी गुलाल में सराबोर होने को देशभर से आए भक्तों में होड़ लग गई। प्रसादी गुलाल के गुबार के रंगों में सराबोर भक्तों के आनंद का ठिकाना न था। भक्त बिहारी जी का गुलाल लगते ही खुशी से झूम उठे. इसके साथ ही बांकेबिहारी मंदिर में होली की शुरुआत ठाकुरजी के भक्तों संग होली खेलकर कर दी गई है. इसी के साथ ब्रज में होली की शुरुआत हो गई है.

हजारों की संख्या में भक्तों का लगा तांता

वसंत पंचमी पर बांकेबिहारी मंदिर खुलने से पहले ही हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचने लगे, जिसके साथ ही पुलिस ने व्यवस्था संभालने में लिए कमान संभाल ली. श्रद्धालुओं को विद्यापीठ, जुगलघाट से रेलिंग में कतारबद्ध तरीके से प्रवेश मिला। बेरिकेडिंग पर रोक-रोक कर भक्तों को आगे बढ़ाया जा रहा था.

14 मार्च से वृंदावन में शुरु हो जायेंगे होली के कार्यक्रम

हालांकि पूरे देश में होली 25 मार्च को मनाई जायेगी लेकिन वृंदावन में 14 मार्च से ही होली के कार्यक्रमों की शुरुआत हो जायेगी. 14 मरछ को रमणरेती आश्रम, महावन में होली का आयोजन होगा. जिसके बाद 17 मार्च को बरसाना में लड्डू होली खेली जायेगी, 18 मार्च को बरसाना में लट्ठमार होली खेली जायेगी. जबकि 19 मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली और रावल में होली खेली जायेगी। वहीं 20 मार्च को जन्मस्थान पर होली खेली जायेगी. 21 मार्च को गोकुल में छड़ीमार होली, 26 मार्च को बलदेव में हुरंगा और 31 मार्च को चौरासी खंभा मंदिर में हुरंगा खेला जायेगा.

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